पटना: बिहार में माफिया के खिलाफ सरकार अब सख्त हो गई है। गृह मंत्री बनने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा था कि तीन तरह के माफिया होते हैं। इनमें जमीन, शराब और बालू माफिया अहम होते हैं और इनको किसी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। वहीं अब इन माफियाओं पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। बिहार में ज़मीन माफिया और बालू माफियाओं की बाकायदा नई लिस्ट भी तैयार कर ली गई है, जिसमें जिसमें कुल 19 नाम हैं।
19 माफियाओं की लिस्ट तैयार
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने 19 जमीन और बालू माफियाओं की पहचान करके उनकी करीब 50 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त करने का प्रस्ताव एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को भेजा है। इनमें दानापुर से RJD के पूर्व विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव की संपत्ति भी शामिल है। रीतलाल यादव और पिंकू यादव दोनों फिलहाल जेल में बंद हैं। दोनों पर बिल्डर से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
अवैध संपत्तियां होंगी कुर्क
लिस्ट के मुताबिक जिन 8 भूमाफियाओं की लिस्ट बनी है, उन सभी की संपत्ति जब्त होगी। इसके अलावा, 11 बालू माफियाओं की संपत्ति भी जब्त होगी। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि जांच में ये साफ हुआ है कि इन माफिया ने अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित की है, जिसे जब्त किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यूपी की तर्ज पर एक्शन की तैयारी
ऐसा लगता है कि बिहार में भी माफिया के खिलाफ यूपी के अंदाज में एक्शन लेने की कोशिश की जा रही है। इरादा नेक है लेकिन ये काम आसान नहीं है। माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए योगी आदित्यनाथ जैसी हिम्मत चाहिए, नैतिक बल चाहिए और पुलिस और प्रशासन पर पूरी पकड़ चाहिए। बिहार से सटे यूपी में भी कभी माफियाओं का बोलबाला था, नेताओं के संरक्षण में माफिया राज चलता था। लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही यूपी की तस्वीर बदल गई। लोगों को माफिया राज से आजादी मिली, अपराधी यूपी में पस्त हुए, पुलिस का इकबाल कायम होने लगा, कानून का राज चलने लगा। बिहार में अगर योगी का ये मॉडल अपनाया जाता है तो बिहार की तस्वीर भी बदल जाएगी।
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