Tuesday, April 30, 2024
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क्या पिता की तरह जीतन राम मांझी को हरा पाएंगे कुमार सर्वजीत? गया में रोचक हुई चुनावी जंग

Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: गया में 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला जीतन राम मांझी और कुमार सर्वजीत के बीच देखा जा रहा है। गया सीट को 1967 में आरक्षित किया गया था।

Mangal Yadav Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: April 16, 2024 17:32 IST
जीतन राम मांझी (HAM) vs कुमार सर्वजीत (RJD)- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जीतन राम मांझी (HAM) vs कुमार सर्वजीत (RJD)

गयाः बिहार में पहले चरण के लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार तेज हो गया है। गया संसदीय क्षेत्र में भी 19 अप्रैल को पहले चरण में चुनाव होना है। एनडीए की तरफ से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर (हम) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया से चुनावी मैदान में हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से आरजेडी नेता कुमार सर्वजीत चुनाव लड़ रहे हैं। सर्वजीत के पिता राजेश 33 साल पहले जीतन राम मांझी को धूल चटा चुके हैं। इसलिए इस बार गया सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा होने की उम्मीद है।

गया में क्यों होगा कड़ा मुकाबला

जीतन राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और गया उनका गढ़ माना जाता है। 2009 से 2019 तक गया में मांझी समुदाय से चुनाव लड़ने वाले शख्स को ही जीत मिली है। मांझी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में ही गया जाकर रैली किया और जनता से वोट मांगा। एनडीए के नेता भी मांझी के लिए प्रचार कर रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू को यहां से जीत मिली थी। लेकिन इस बार जेडीयू ने यह सीट मांझी के लिए छोड़ दी। वहीं, कुमार सर्वजीत गया जिले की बोधगया से आरजेडी के विधायक हैं। महागठबंधन की सरकार में वे मंत्री रह चुके हैं। कुमार सर्वजीत के पिता राजेश गया से सांसद रह चुके हैं।  उन्होंने जीतन राम मांझी को करारी शिकस्त दी थी।  कुमार सर्वजीत के लिए तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं। तेजस्वी ने रैली कर अपनी पार्टी के लिए जनता से सहयोग मांगा था।

गया लोकसभा सीट का इतिहास

गया में 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला जीतन राम मांझी और कुमार सर्वजीत के बीच देखा जा रहा है। गया सीट को 1967 में आरक्षित किया गया था। 1967 में कांग्रेस तो 1971 में जनसंघ का उम्मीदवार यहां से जीता।  2019 में यहां से जेडीयू के विजय कुमार ने जीतन राम मांझी को चुनाव हराया था। 2014 में यहां से बीजेपी ने आरजेडी को हराया था। 2009 में बीजेपी के हरी मांझी ने आरजेडी के रामजी मांझी को हरा दिया था। 2004 में आरजेडी के राजेश कुमार मांझी ने जीतन राम मांझी को हराया था। राजेश कुमार सर्वजीत के पिता हैं। कुल मिलाकर यह सीट कभी भी किसी एक दल के पास ज्यादा समय तक नहीं रही है।

2019 में एनडीए जीती थी 39 सीट

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। एनडीए 40 में से 39 सीटें जीत गई थी। जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। बिहार में इस बार बीजेपी 17, जेडीयू 16, एलजेपी (रामविलास) पांच सीट पर और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। 

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