Friday, May 10, 2024
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इंदिरा गांधी के इस फैसले से तय हुआ कि गुलाबी होगा 20 का नोट

नई दिल्ली: रंग-बिरंगे भारतीय नोटों को हाथ में तो हम सभी थामते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की टकसालों और छापेखानों में छपने वाले हर नोट का अलग रंग क्यों होता

PRAVEEN DWIVEDI PRAVEEN DWIVEDI
Updated on: August 14, 2015 10:44 IST
इंदिरा गांधी के फैसले...- India TV Hindi
इंदिरा गांधी के फैसले के बाद ही गुलाबी हुआ 20 रुपए का नोट

नई दिल्ली: रंग-बिरंगे भारतीय नोटों को हाथ में तो हम सभी थामते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की टकसालों और छापेखानों में छपने वाले हर नोट का अलग रंग क्यों होता है? कभी सोचा है कि 5 रुपए का नोट हरा, 10 रुपए का नोट लाल और 20 रुपए का नोट गुलाबी ही क्यों होता है? आज हम अपनी खबर में आपको यह बताएंगे कि आखिर कैसे 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी रंग को चुना गया। दरअसल इस पूरी कहानी को जानने के लिए इतिहास की कुछ पर्तों को पलटना होगा।


ऐसा नहीं है कि रंगीन करेंसी सिर्फ हिंदुस्तान में छापी जाती है, अन्य देशों में छपने वाले नोट भी अलग अलग डिजायन और रंग के होते हैं। अलग अलग तरह के नोट में ऊपरी सतह और बैकग्राउंड के अलग अलग रंग के कारण नोटों की पहचान करना आसान हो जाता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत के लोग रंगों में काफी ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं और काफी सारे लोगों ने नोटों के रंग को लेकर गहन शोध किया है। 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी रंग के चयन के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। मुंबई के रहने वाले दिलीप कांवरे ने इस पूरी कहानी को बताने की कोशिश की है।

बात उन दिनों की है जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री हुआ करती थीं। उन्होंने आला अधिकारियों और टकसालों के मुखिया को बुलाया था। यह बैठक इसलिए की गई थी ताकि 20 रुपए के नोट को बाजार में लाया जा सके। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव पी डी कासबेकर इस अहम फैसले के प्रमुख गवाह थे। इस बैठक में 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी रंग के मिश्रण का चयन किया गया था।

अगली स्लाइड में पढ़ें कैसे गुलाबी हुआ 20 का नोट 

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