Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली: पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ी, ये है वजह

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी गई है। ये अवधि सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई है।

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: July 24, 2023 12:12 IST
Former Minister Satyendar Jain- India TV Hindi
Image Source : PTI पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन

सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येंद्र जैन की मेडिकल कंडीशन पर अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी। बता दें कि कोर्ट ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। जानकारी दे दें कि ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई एफआईआर के बाद हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एजेंसी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को मेडिकल आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन की अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को मेडिकल रिपोर्ट अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू को सौंपने का निर्देश दिया। इनके जमा होने पर आज जमानत की अवधि बढ़ा दी गई।

ईडी ने कोर्ट में दाखिल किया अपना जवाब

उनकी जमानत से पहले ईडी ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। ईडी ने जवाब में कहा कि जैन अस्पताल से अपनी बीमारी के बारे में झूठी रिपोर्ट देने के लिए दिल्ली में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि दिल्ली के पूर्व मंत्री ने एलएनजेपी अस्पताल की एक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी, जिसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। ईडी ने यह भी कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 से जुड़े मामलों में बीमारी के आधार पर जमानत तभी दी जाती है जब जान को खतरा हो। जांच एजेंसी ने अपने जवाब में आगे कहा, जैन की स्वास्थ्य जांच ऐसे अस्पताल में की जानी चाहिए, जो दिल्ली सरकार के अधीन न हो।

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