Friday, May 17, 2024
Advertisement

दिल्ली में एक लाख से ज्यादा मरीजों ने दी कोरोना को मात

इस बीच डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में कावासाकी जैसे सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के मामले आ रहे हैं और इन मामलों के कोविड-19 से जुड़े होने का संदेह है। 

Written by: Bhasha
Published on: July 18, 2020 22:56 IST
good news more than 1 lakh defeats coronavirus in Delhi  । दिल्ली में एक लाख से ज्यादा मरीजों ने दी - India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में एक लाख से ज्यादा मरीजों ने दी कोरोना को मात

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में अब तक एक लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन ने शनिवार को यह जानकारी दी और कहा कि यहां मरीजों के ठीक होने की दर 83 प्रतिशत से अधिक है। बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में अभी 16,711 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं जो पिछले 40 दिनों में सबसे कम है।

दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस के 1,475 नए मामले सामने आए जिससे नगर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,21,582 हो गयी। वहीं बीमारी के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 3,597 तक पहुंच गयी। यह लगातार आठवां दिन है जब नए मामलों की संख्या 1,000 से 2,000 के बीच रही है।

बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 26 मरीजों की मौत हो गयी। शुक्रवार को भी दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित 26 लोगों की मौत हो गयी थी। नौ जून के बाद यह मृतकों की सबसे कम संख्या थी। शुक्रवार को 1,462 नए मामले सामने आए थे। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 1,01,274 मरीज ठीक हो चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को देश में कुल मामलों की संख्या 10,38,716 थी जिनमें 6,53,751 अब तक ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में पिछले तीन हफ्तों के दौरान मरीजों के ठीक होने की दर महत्वपूर्ण रही है। जुलाई में अब तक 40,963 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस रोगियों के लिए 11,840 बिस्तरों में से केवल 3,635 पर ही मरीज रह गए हैं। विशेष कोविड देखभाल केंद्रों में 9,824 बिस्तरों में से 2,291 पर मरीज हैं। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 7,98,783 से अधिक कोरोना वायरस परीक्षण किए गए हैं।

इस बीच डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में कावासाकी जैसे सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के मामले आ रहे हैं और इन मामलों के कोविड-19 से जुड़े होने का संदेह है। एक प्रतिष्ठित अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि सामान्य कावासाकी लक्षणों के मुकाबले इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामलों में मरीज की हालत बहुत गंभीर हो जाती है। 

कावासाकी बीमारी में अज्ञात कारणों से रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, विशेष रूप से पांच साल से कम उम्र वाले। सर गंगा राम अस्पताल में शिशु रोग विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने बताया, ‘‘पिछले कुछ महीनों में, विशेष रूप से छह सप्ताह में, हमारे पास ऐसे मरीज आए हैं जिनमें कावासाकी जैसे लक्षण होते हैं। इनका संभवत: कोविड के साथ कोई ना कोई संबंध है क्योंकि इनमें से कुछ मरीज कोविड-19 पॉजिटिव निकले जबकि कुछ के शरीर में कोविड का एंटीबॉडी मिला है।’’

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े कलावती सरन बाल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास पांच-छह ऐसे मामले आए जिनमें बच्चों का कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध क्षेत्रों में इलाज हुआ था। उनमें कावासाकी के लक्षण थे और शरीर की रक्त वाहिकाएं सूज गयी थीं। अस्पताल के मेडिकल निदेशक एन.एन.माथुर ने बताया, ‘‘इसके पीछे कोई और कारण भी हो सकता है। लेकिन चूंकि हम कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे हैं, तो इसकी संभावना ज्यादा है कि यह कोविड-19 से जुड़ा हुआ है।’’ डॉक्टरों का कहना है कि कावासाकी सिंड्रोम के लक्षण तीन से पांच दिन बुखार रहना, आंखें और होंठ लाल हो जाना।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement