Thursday, May 02, 2024
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प्राथमिक शिक्षा के बाद करीब 75% लड़कों और 65% लड़कियों ने छोड़ा स्कूल, सरकारी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

शिक्षा मंत्रालय ने हाल में ग्रामीण भारत में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति' की एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट की मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में लड़का और लड़की को लेकर रुढ़िवादिता कम हो रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 11, 2023 11:17 IST
Union minister Dharmendra Pradhan- India TV Hindi
Image Source : PTI केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

देश आजाद होने के सालों बाद के बाद शिक्षा स्तर में काफी सुधार हुआ है। साथ ही अब लड़कियों की शिक्षा में काफी सुधार दर्ज किया गया है। यही बड़ा कारण है कि लड़कियों का स्कूल ड्रापआउट कम हुआ है। हाल ही शिक्षा मंत्रालय ने एक रिपोर्ट के जरिए देश को इस बात की जानकारी दी है। रिपोर्ट को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साझा किया। जिस पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के 78% मां-बाप अपने बच्चों को ग्रेजुएशन और हायर एजुकेशन देना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त ग्रामीण इलाकों में 82 फीसदी माता-पिता अपने बेटों को पढ़ाने चाहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, समाज में पुरानी रुढ़ियां टूटी हैं और अभिभावक चाहते हैं कि उनकी बेटियां ग्रेजुएशन के मामले में बेटों से पीछे न रह जाएं।

शिक्षा मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने अपनी पहली 'ग्रामीण भारत में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति' रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट 20 राज्यों के 6229 ग्रामीण परिवारों की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के इन आंकड़ों में ग्रामीण इलाकों के 6 साल से लेकर 14 साल के बच्चों को शामिल किया गया है। सर्वे में शामिल 6229 ग्रामीण परिवारों में से 6135 में स्कूल जाने वाले स्टूडेंट थे। हालांकि 56 ऐसे स्टूडेंट थे जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया था साथ ही 38 ऐसे बच्चे भी थे जिन्होंने कभी स्कूल में एडमिशन ही नहीं लिया था।

फैमिली इनकम भी स्कूल छोड़ने का कारण

रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल छोड़ने वाले 56 स्टूडेंट में से लड़कियों के 36.8 फीसदी मां-बाप ने कहा कि उनकी बेटियों ने स्कूल छोड़ दिया क्योंकि उन्हें फैमिली इनकम में मदद करने की जरूरत थी। जबकि 31.6 प्रतिशत पैरेंट्स ने कहा कि पढ़ाई में रुचि न होने के कारण उनके बच्चों ने पढ़ाई छोड़ी। वहीं, 21.1 प्रतिशत पैरेंट्स ने बताया कि उनकी बेटियों को घर के कामकाज और भाई-बहनों की देखभाल करनी पड़ती है इसलिए स्कूल छोड़ा।

75 फीसदी लड़कों और 65 फीसदी लड़कियों ने छोड़ा स्कूल

रिपोर्ट्स में आगे कहा गया है कि कुल 71.8 फीसदी लड़कों के पैरेंट्स ने कहा कि उनके बेटों के स्कूल छोड़ने का बड़ी वजह पढ़ाई में रुचि की कमी है। वहीं, 48.7 फीसदी ने कहा कि उनके बेटों ने इसलिए पढ़ाई छोड़ी थी क्योंकि उन्हें फैमली इनकम में मदद करना था। सर्वे में बताया गया कि एक-चौथाई लड़के प्राइमरी एजुकेशन के दौरान ही स्कूल छोड़ देते हैं। इस लेवल पर लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर करीब 35 प्रतिशत से ज्यादा थी। वहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्राइमरी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद लगभग 75 फीसदी लड़कों और 65 फीसदी लड़कियों ने स्कूल छोड़ा था।

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