Tuesday, April 30, 2024
Advertisement

"क्लाउड सीडिंग" का दीवाना हुआ दुबई और बादल हुए पागल! जानें UAE में 75 वर्षों बाद कैसे आया भीषण सैलाब

दुबई में अचानक हुई मूसलाधार बारिश कोई सामान्य घटना नहीं है। भयंकर बारिश के कारण यूएई में हवाई, मेट्रो और सड़क यातायात ठप हो गए हैं। स्कूल, कॉलेज, बाजारों और मॉल व दफ्तरों को बंद कर दिया गया है। सड़कों, हवाई अड्डों और मेट्रो ट्रैक पर पानी भर गया है। 75 वर्षों में हुई यह सबसे तेज बारिश है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 17, 2024 19:10 IST
दुबई में भीषण बाढ़ का एक दृश्य। - India TV Hindi
Image Source : AP दुबई में भीषण बाढ़ का एक दृश्य।

दुबईः संयुक्त अरब अमीरात जो दुनिया भर में सूखे और रेगिस्तान के लिए जाना जाता है, अचानक क्या हो गया कि पूरा का पूरा देश मूसलाधार बारिश और भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया?....आखिर कैसे दुबई के रेगिस्तान के मैदान महज कुछ घंटों में समंदर बन गए और सड़कें उफनाती नदियों में तब्दील हो गईं? ऐसी कोई जगह नहीं बची, जहां बारिश और बाढ़ ने दुबई में अपना सैलाब न दिखाया हो। शहर-शहर और गली-गली, जिधर देखो उधर पानी ही पानी है। 75 वर्षों में दुबई में हुई यह सबसे भयानक बारिश है। कारें सड़कों और पार्कों में तैर रही हैं, लोगों के घरों तक पानी भर गया है, एयरपोर्ट आधे पानी में डूब गए हैं, सड़कों पर नदी बह रही है, मॉल और बाजारों में पानी घुस गया है। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सबको बंद कर दिया गया है। मगर दुबई में इस रिकॉर्ड बारिश की वजह क्या है?

पूरी दुनिया यही जानना चाहती है कि यूएई में '75 वर्षों में सबसे भारी बारिश' का असली कारण क्या है। कैसे दुबई हवाई अड्डे अचानक सहम गए, जहां रोजाना सैकड़ों फ्लाइटों की लैंडिंग और टेक ऑफ होता था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यूएई में महज एक दिन में 14 सेमी से अधिक बारिश देखी गई है। इतनी अधिक बारिश 75 वर्षों में पहले कभी नहीं हुई। मूसलाधार बारिश से राजमार्गों और घरों में पानी भर गया है, स्कूल बंद हैं और लोगों को घर से काम करने के लिए कह दिया गया है। उड़ानें बंद कर दी गई हैं।

क्या क्लाउड सीडिंग है दुबई में आई बाढ़ की सबसे बड़ी वजह

क्लाउड सीडिंग कृत्रिम बारिश कराने की एक प्रक्रिया है। इसमें वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत छोटे-छोटे विमानों को बादलों के बीच से गुजारा जाता है। इन विमानों में सिल्वर आयोडाइड, सूखी बर्फ और क्लोराइड से लैस होते हैं। विमान इसे बादलों के बीच छोड़ते जाते हैं, इससे बादलों में पानी की बूंदें जमने लगती हैं और फिर बारिश के रूप में जमीन पर गिरने लगती हैं। इसे क्लाउड सीडिंग कहा जाता है। इससे प्राकृतिक बारिश की तुलना में कई गुना ज्यादा बारिश कराई जा सकती है। दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में इस तकनीकि का इस्तेमाल हो रहा है। भारत में भी इसका परीक्षण हो चुका है। कृत्रिम बारिश कराने वाले देशों में चीन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस और जापान सबसे आगे हैं। यूएई ने 2022 में क्लाउड सीडिंग के जरिये इतनी बारिश कराई थी कि बाढ़ के हालात पैदा हो गए। अब दूसरी बार दुबई द्वारा क्लाउड सीडिंग कराए जाने का मामला सामने आ रहा है। 

 कई रिपोर्टों में दुबई में क्लाउड सीडिंग का जिक्र

दुबई में भयानक बाढ़ के पीछे कई रिपोर्टों में क्लाउड सीडिंग को वजह बताया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के पूर्वी तट पर स्थित फुजैराह में मंगलवार को 14.5 सेमी (5.7 इंच) बारिश दर्ज हुई। कई रिपोर्टों दुबई में अचानक आई इस बाढ़ को "क्लाउड सीडिंग" से जोड़ा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई सरकार ने विशेष नमक की लौ जलाने वाले छोटे विमानों को बादलों के बीच से गुजारा। इससे वर्षा बढ़ गई। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानियों के हवाले से कई लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने बारिश से पहले छह या सात क्लाउड सीडिंग उड़ानें भरीं हैं।

दुबई का फ्लाइट-ट्रैकिंग डेटा भी इसी ओर इशारा कर रहा है। डेटा विश्लेषण से पता चला है कि यूएई के क्लाउड सीडिंग प्रयासों से जुड़े एक विमान ने रविवार को देश भर में बादलों के बीच उड़ान भरी। बता दें कि यूएई अपने घटते, सीमित भूजल को बढ़ाने के लिए क्लाउड सीडिंग करता है। साथ ही पानी के लिए ऊर्जा की खपत करने वाले अलवणीकरण संयंत्रों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। 

जलवायु परिवर्तन पर भी आशंका

दुबई की ओर से क्लाउड सीडिंग कराने को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं स्काई न्यूज के मौसम निर्माता क्रिस इंग्लैंड ने कहा कि उन्हें दुबई में क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराए जाने पर संदेह है, क्योंकि इसके सबूत "बहुत कम" हैं । उन्होंने कहा "कुछ अध्ययनों से संकेत मिला है कि जलवायु परिवर्तन से क्षेत्र में वर्षा में वृद्धि हुई होगी ।" उन्होंने कहा कि "साल की सर्दियों की छमाही के दौरान संयुक्त अरब अमीरात में अचानक बाढ़ आती है"। हालांकि "दुबई के निर्मित क्षेत्रों के लिए मौजूदा बाढ़ असामान्य है"। क्रिस ने कहा, "16 अप्रैल सबसे अधिक बारिश वाला दिन रिकॉर्ड हो सकता है। 

बारिश के बाद ओले भी गिरे

दुबई में बारिश सोमवार देर रात शुरू हुई और मंगलवार सुबह तेज होने के बाद पूरे दिन जारी रही, जिससे शहर में और अधिक बारिश हुई। फिर ओले भी गिरे। अरब प्रायद्वीप के शुष्क देश संयुक्त अरब अमीरात में इस तरह की मूसलाधार बारिश असामान्य घटना है, लेकिन ठंडे सर्दियों के महीनों के दौरान समय-समय पर होती है। सरकारी डब्ल्यूएएम समाचार एजेंसी ने कहा कि भारी बारिश "एक ऐतिहासिक मौसम घटना" थी, जो 1949 में शुरू होने वाले रिकॉर्ड से कहीं अधिक थी। फलस्वरूप यहां हवाईअड्डे पर विमान के उतरते ही टैक्सीवे पर पानी जमा हो गया।

इसके कारण मंगलवार रात को जहाजों व टैक्सियों का आगमन रोक दिया गया, जबकि यात्रियों को आसपास की सड़कों पर बाढ़ के पानी के बीच टर्मिनल तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। बुधवार की सुबह दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर से कहा गया कि बाढ़ के कारण "परिवहन विकल्प सीमित" हो गए हैं और "ठीक होने में कुछ समय लगेगा"। इससे उड़ानें प्रभावित हुईं, क्योंकि विमान चालक दल हवाई क्षेत्र तक नहीं पहुंच सके और शहर के चालक रहित मेट्रो स्टेशनों पर पानी भर गया, क्योंकि पानी के कारण व्यवधान उत्पन्न हुआ। 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement