Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainers: CAA को लेकर मन में है कोई कन्फ्यूजन तो कर लें दूर, आपके हर सवाल का मिलेगा जवाब

Explainers: CAA को लेकर मन में है कोई कन्फ्यूजन तो कर लें दूर, आपके हर सवाल का मिलेगा जवाब

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए हुए शरणार्थियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। सरकार का कानून देश में लागू भी कर दिया गया है।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Mar 13, 2024 17:13 IST, Updated : Mar 13, 2024 17:26 IST
सीएए से जुड़े मिथक और हकीकत- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सीएए से जुड़े मिथक और हकीकत

नई दिल्लीः भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 11 मार्च से लागू कर दिया गया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को सरकार नागरिकता देगी। इसका लाभ 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण लेने वालों को ही मिलेगी। हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। केंद्र ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया है।

किसी की नागरिकता नहीं जाएगी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। विपक्ष की आलोचना के बावजूद सीएए-2019 का मजबूती से बचाव करते हुए अमित शाह ने एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। 

 

किन लोगों के लिए है यह कानून

  1. यह नागरिकता देने का कानून है, सीएए किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
  2. यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जो वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे हैं और जिनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई आश्रय नहीं है।
  3. CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं

शरणार्थियों को मिलेगा ये फायदा

  1. सीएए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के सताए हुए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में सक्षम बनाता है, जिन्होंने धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी। 
  2. इसमें 6 अल्पसंख्यक समुदाय शामिल हैं - हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई।
  3. पुनर्वास और नागरिकता के लिए कानूनी बाधाएं दूर करता है।
  4. यह उन शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन देगा जो दशकों से पीड़ित हैं।
  5. नागरिकता अधिकार उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा करेंगे।
  6. यह आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद अधिकार भी सुनिश्चित करेगा। 

भारतीय मुसलमान न पालें कोई कन्फ्यूजन 

केंद्र सरकार का कहना है कि इस कानून से भारतीय मुसलमानों की स्वतंत्रता और उनके अवसर को कम नहीं करता है। इसमें यह भी कहा गया कि दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों को भारतीय नागरिकता लेने पर कोई रोक नहीं है। गृह मंत्रालय ने कहा कि दुनिया में कहीं से भी मुसलमान नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। सरकार ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए में उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है और इसका वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है।  

किसी से नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कहा जाएगा

सीएए लागू करने के फैसले के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं क्योंकि कुछ लोगों को डर है कि कानून का इस्तेमाल उन्हें अवैध अप्रवासी घोषित करने और उनकी भारतीय नागरिकता छीनने के लिए किया जा सकता है। सरकार इससे इनकार करती है और कहती है कि मुस्लिम-बहुल देशों में उत्पीड़न का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की सदाबहार उदार संस्कृति के अनुसार उनके सुखी और समृद्ध भविष्य के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में मदद करने के लिए कानून बनाया गया है। मंत्रालय ने कहा, "किसी भी भारतीय नागरिक से नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा। 

 

 कितने लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक तीनों देशों के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई।पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र में अधिक हैं। इसलिए इन राज्यों में रहने वालों को इसका फायदा मिलेगा।

केजरीवाल ने बीजेपी को घेरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करना भाजपा की वोट बैंक की गंदी राजनीति है। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि इस कानून को निरस्त किया जाए। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने देश में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

केजरीवाल ने जताई ये आशंका

केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस कानून के जरिए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में गरीब अल्पसंख्यकों के भारत आने के द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि सीएए लागू होने के बाद अगर पड़ोसी देशों के 1.5 करोड़ अल्पसंख्यक भी भारत आ गए तो खतरनाक स्थिति पैदा हो जाएगी। आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने कहा, “यह 1947 से भी बड़ा पलायन होगा। कानून-व्यवस्था चरमरा जाएगी। बलात्कार और डकैती के मामलों में वृद्धि हो सकती है। 

बीजेपी पर साधा निशाना

उन्होंने दावा किया कि आने वाले चुनावों में भाजपा को फायदा होगा क्योंकि पड़ोसी देशों से भारत में बसने वाले गरीब अल्पसंख्यक उसके वोट बैंक बन जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि देश चाहता है कि सीएए निरस्त हो। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर कानून रद्द नहीं किया गया तो वे भाजपा के खिलाफ वोट करें। केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के शासनकाल में काम किया होता तो चुनाव से पहले सीएए लागू करने की जरूरत नहीं पड़ती।  

.

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement