उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। वहीं, यूपी और दिल्ली में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें तेज पानी के बहाव में कई घर और कारें डूबती नजर आ रही हैं। यूजर्स इस वीडियो को प्रयागराज का बताते हुए शेयर कर रहे हैं। पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में यह वायरल दावा फर्जी पाया गया। हमारी पड़ताल में खुलासा हुआ कि यह वीडियो एआई जनरेटेड है।
दावा:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “प्रयागराज में बाढ़ आने से मचा हड़कंप शहर छोड़कर भागे उम्मीदवार।” वहीं, एक अन्य यूजर ने वायरल वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल:
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने गूगल पर संबंधित कीवर्ड से सर्च किया, ताकि इस घटना से जुड़ी खबरें मिल सकें, लेकिन ऐसी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें इसमें कई गड़बड़ियां दिखीं, जिनसे लगा कि यह फुटेज या तो बदला गया है या एआई से बनाया गया है।
जैसे गाड़ियों और पेड़ों की हरकतें अप्राकृतिक लग रही थीं और वीडियो में जरूरत से ज्यादा चमक थी, जो इसकी असलियत पर सवाल उठाती है। इसके बाद हमने इसे एआई टूल ‘Wasitai’ पर स्कैन किया, जिसने पुष्टि की कि यह वीडियो एआई जनरेटेड है। पड़ताल के अगले चरण में, एक अन्य एआई टूल ‘Cantilux’ की मदद से इस तस्वीर की जांच की गई। नतीजों में स्पष्ट हुआ कि यह तस्वीर एआई द्वारा निर्मित है। सर्च के दौरान हमें हिंदुस्तान की रिपोर्ट में मिली इस रिपोर्ट में बताया गया कि प्रयागराज लगभग खतरे से बाहर। पोस्ट का लिंक और नीचे देखें स्क्रीनशॉट। हमारी पड़ताल में खुलासा हुआ कि यह वीडियो एआई जनरेटेड है।