Monday, May 13, 2024
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Fact Check: मेवात हिंसा का नहीं, 2017 का बांग्लादेश लिंचिंग का है ये वायरल वीडियो, पड़ताल में सच आया सामने

हरियाणा में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है जिसे मेवात में हुई हिंसा का बताया जा रहा है। इस वीडियो में कुछ लोग एक शख्स को लाठी और पत्थर से बुरी तरह मार रहे हैं। हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया और सच का पता लगाया।

Swayam Prakash Written By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: August 06, 2023 14:57 IST
viral video fact check- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मेवात हिंसा का बताकर वायरल किए जा रहे वीडियो का फैक्ट चेक

India TV Fact Check: हरियाणा के नूंह और मेवात में हुई हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर सैकड़ों वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें से अधिकतर वीडियो फर्जी और गलत दावों के साथ शेयर किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो हमें मिला है जो सोशल मीडियो पर खूब शेयर हो रहा है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये मेवात हिंसा का है। इस वीडियो में एक शख्स को सड़क पर कई सारे लोग मिलकर पत्थरों और लाठियों से बुरी तरह मार रहे हैं। जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो सच कुछ और ही सामने आया।

वायरल वीडियो के साथ क्या है दावा

इस वायरल वीडियो में कुछ लोग बीच सड़क पर एक व्यक्ति को पत्थरों और डंडों से पीटते हुए देखाई दे रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि इस दौरान कुछ लोग पिटते हुए शख्स से थोड़ी दूरी पर खड़े होकर पूरी घटना को देख रहे हैं। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, "मेवात पर नहीं जागे तो एक दिन तुम्हारा भी अंत ऐसा ही होने वाला है।" ये वीडियो एक ट्विटर यूजर गोपाल गोस्वामी (@igopalgowswami) के अकाउंट से शेयर किया गया है। 

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Image Source : SCREENSHOT
ट्विटर पर गलत दावे के साथ शेयर किया गया वीडियो

यही वीडियो एक और ट्विटर यूजर नरेंद्र सिंह (@TheNarendra__) ने भी साझा किया है। इस वीडियो पर कैप्शन में लिखा गया है, "यह देखो सेक्यूलर कीटाणुओं, यही हाल होगा जब इनकी तादाद और संख्या बढ़ जाएगी। इनको किसी सरकार, सिस्टम, प्रशासन, कोर्ट, वकील किसी की जरूरत नहीं होती है। जो इनको करना है, वह यह करते हैं। इसलिए सोचो और समझो कि तुम्हारे लिए क्या है और तुम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या दे कर जाओगे।" 

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Image Source : SCREENSHOT
यही वीडियो एक और ट्विटर यूजर ने गलत दावे के साथ शेयर किया

इतना ही नहीं यही वीडियो फेसबुक पर भी अलग-अलग यूजर्स के द्वारा वायरल किया गया है। जिनमें लगभग यही दावा किया जा रहा है, "मरने वाला हिन्दू और मारने वाला मुसलमान है… शायद इसलिए बुद्धिजीवियों की नजर में ये लिंचिंग नहीं है।"

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वीडियो को फेसबुक पर भी धार्मिक एंगल देकर किया गया वायरल

इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने की पड़ताल
जब हमने इस वायरल वीडियो के एक फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो हम समाचार वेबसाइट 'द वायर' के आर्टिकल तक पहुंचे। ये आर्टिकल 15 अप्रैल 2017 को प्रकाशित किया गया था। इस खबर में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया गया था, जिसे बिहार में हुई हिंसा का बताकर वायरल किया जा रहा था। बता दें कि साल 2017 में 5 अप्रैल को बिहार के नवादा में मामूली सांप्रदायिक झड़पें हुईं थीं, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे। ये वीडियो उस दौरान धनंजय कुमार नाम के एक फेसबुक यूजर ने बिहार का बताकर शेयर किया था।  

OLD VIDEO

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उसी वीडियो को बिहार के नालंदा में हुई हिंसा का बताकर किया गया था शेयर

'द वायर' के इस आर्टिकल में बताया गया कि ये वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है। इसमें बताया गया कि ये वीडियो असल में बांग्लादेश के कुमिल्ला में शूट किया गया था और 2 अप्रैल 2017 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। हालांकि ये वीडियो अब यूट्यूब से हटा लिया गया है। 

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वीडियो से जुड़ी असली घटना के बारे बांगलादेश की एक न्यूज वेवसाइट ने लिखा

वीडियो से जुड़ी असली घटना का पता चला  
इसके बाद जब हमने और सर्च किया तो बांग्लादेश के कुमिल्ला स्थित एक लोकल न्यूज वेबसाइट पर पहुंचे, जिसने उस दौरान इस घटना को कवर किया था। इस पर हमें एक आर्टिकल मिला जिसने बांग्लादेश के कुमिल्ला में हुई इस घटना के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें लिखा था कि 1 अप्रैल, 2017 को हमलावरों ने अबू सैयद की हत्या कर दी और मोहम्मद अली को गंभीर रूप से घायल कर दिया। ये दोनों व्यक्ति जुबो लीग के नेता मोनिर हुसैन सरकार की हत्या के आरोपी थे और फरार थे। यह घटना बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के तितस सबडिवीजन में घटी थी।

जब हमें इस वायरल वीडियो से जुड़ी असली घटना और तारीख मिल गई तो हमारी पड़ताल में ये साफ हो गया कि ये वीडियो मेवात हिंसा का नहीं बल्कि बांग्लादेश में 2017 में हुई एक घटना का है। 

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