Monday, April 29, 2024
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Coronavirus Live:कोरोना संक्रमण के दौरान जानलेवा साबित हो सकता है हाइपरटेंशन: स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना वायरस के साथ ही ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में जानिए कैसे रखें खुद की सेहत का ख्याल।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 25, 2021 0:01 IST
Coronavirus Live: डॉक्टर से जानें प्रोन प्रक्रिया का सही तरीका, ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मिलेगी मदद- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK.COM Coronavirus Live: डॉक्टर से जानें प्रोन प्रक्रिया का सही तरीका, ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मिलेगी मदद

देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, जबकि हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है। इसके साथ ही लाखों लोग तेजी से इस वायरस से छुटकारा पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रिकवर होने के बाद ब्लैक फंगस होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही इस समय तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है। जानिए कोरोना से जुड़ी हर जानकारी।

 

 

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Coronavirus Live

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  • 10:42 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    पिछले हफ्ते देश में औसतन 18.46 लाख टेस्ट की गति में वृद्धि हुई है- स्वास्थ्य मंत्रालय

    देश में टेस्टिंग की गति को बढ़ाया गया है। 16 से 22 मार्च वाले सप्ताह में टेस्ट बढ़ते हुए 10 लाख प्रतिदिन हो गए। 13 से 19 अप्रैल के सप्ताह में 15 लाख प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ते गए। पिछले हफ्ते देश में औसतन 18.46 लाख टेस्ट की गति में वृद्धि हुई है। 

  • 8:50 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का बयान- फंगस रोग एक ही, विकसित होने पर अलग-अलग रंग में दिखता है

    एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने अपने बयान में कहा कि फंगस एक ही है लेकिन विकसित होने पर अलग-अलग रंग में दिखता है। हालांकि ये रोग एक से दूसरे को संक्रमित होने वाला नहीं है। 

     

  • 7:52 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया का बयान- कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक नहीं

    हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा: डॉ.रणदीप गुलेरिया, एम्स के निदेशक 

  • 7:04 PM (IST) Posted by Priya Singh

    हाई ब्लड प्रेशर कोरोना संक्रमण के दौरान जानलेवा साबित हो सकता है: स्वास्थ्य मंत्रालय

    कोरोना का कहर लगातार जारी है। ऐसे में सेहत के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखने हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लगातार सेहत से जुड़ी तमाम महत्तवपूर्ण जानकारियां साझा की जा रही हैं। अब स्वास्थ्य मंत्रालय मेंकहा है कि हाई ब्लड प्रेशर कोरोना संक्रमण के दौरान जानलेवा साबित हो सकता है। 

  • 5:01 PM (IST) Posted by Priya Singh

    18-44 साल के 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की लगी वैक्सीन: स्वास्थ्य मंत्रालय

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में वैक्सीनेशन अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 साल के 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।वहीं देश में अब तक कुल 19.60 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई गई है। 

  • 3:59 PM (IST) Posted by Priya Singh

    कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी, सरकार ने जारी किए गाइडलाइंस

    कोरोना का कहर लगातार जारी है। ऐसे में कोविड नयमों का पालन करने सभी के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन, कई बार व्यस्तता के चलते लोग छोटी-छोटी सावधानियों को नजरअंजाद कर देते हैं और इसी लापरवाही के चलते वायरस की चपेट में आ जाते हैं। यही वजह है कि सरकार की तरफ से समय-समय पर कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई के दौरान सभी जरूरी सावधानियां बरतने को लेकर चेतावनी दी जा रही है। 

    फेस मास्क पहनें
    समय-समय पर हाथ धोएं
    हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें
    चेहरे को बार-बार छूने से बचें
    घर पर रहें

  • 3:38 PM (IST) Posted by Priya Singh

    भारत में लगातार 11वें दिन कोरोना मामलों से ज्यादा रिकवरी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

    भारत में रोजाना कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या लगातार 11वें दिन सोमवार को दैनिक नए मामलों से अधिक रही। पिछले 24 घंटों में 3,02,544 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की कुल रिकवरी सोमवार को 2,37,28,011 तक पहुंच गई और राष्ट्रीय रिकवरी दर बढ़कर 88.69 प्रतिशत हो गई।

    दस राज्य 72.23 प्रतिशत रिकवरी में शामिल है। इनमें केरल (37,316), कर्नाटक (35,573), महाराष्ट्र (29,177), तमिलनाडु (25,196), आंध्र प्रदेश (20,109), पश्चिम बंगाल (19,429), राजस्थान (16,520), उत्तर प्रदेश (14,086), ओडिशा (11,627) और हरियाणा (9,480) में रिकवर हुए हैं।

    एक और सकारात्मक विकास में, भारत ने लगातार आठवें दिन तीन लाख से कम दैनिक नए मामले दर्ज किए। दैनिक नए मामलों और दैनिक स्वस्थ होने के बीच का अंतर सोमवार को घटकर 80,229 रह गया।
    यह रिपोर्ट तब आई है जब देश में पिछले 24 घंटे में 2,22,315 नए मामले दर्ज किए गए।

    दस राज्यों ने 81.08 प्रतिशत नए मामले दर्ज किए। तमिलनाडु ने सबसे अधिक दैनिक नए मामले 35,483 दर्ज किए, इसके बाद महाराष्ट्र में 26,672 नए मामले सामने आए। देश ने पिछले 24 घंटों में कुल 19,28,127 कोविड परीक्षण किए और अब तक कुल मिलाकर 33,05,36,064 परीक्षण किए गए हैं।

    आईएएनएस

  • 2:35 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    प्रसव के बाद महिलाएं कब लगवाएं कोविड वैक्सीन, विशेषज्ञों ने बताया

     स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने कहा है कि गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देने के बाद कभी भी कोविड-19 टीका लगवा सकती है। विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण की मंजूरी देने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। सरकार ने स्तनपान कराने वाली मांओं के टीकाकरण को हाल में मंजूरी दी है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने हाल में स्पष्ट किया था कि बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं का भी टीकाकरण कराया जा सकता है।

    उन्होंने कहा था, ‘‘इस तरह की खबरें थीं कि टीका लगवाने वाली माताओं को कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्तनपान नहीं रोकना चाहिए और इसे जारी रखना चाहिए।किसी भी हालत में एक घंटे के लिए भी स्तनपान नहीं रोका जाना चाहिए।’’

    दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय में ‘कम्युनिटी मेडिसिन’ विभाग में प्रोफेसर डॉ.खान आमिर मारूफ ने कहा कि टीकाकरण करा चुकी मां के स्तनपान कराने से नवजात शिशु को कोई खतरा नहीं है।

    नई दिल्ली. स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने कहा है कि गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देने के बाद कभी भी कोविड-19 टीका लगवा सकती है। विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण की मंजूरी देने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। सरकार ने स्तनपान कराने वाली मांओं के टीकाकरण को हाल में मंजूरी दी है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने हाल में स्पष्ट किया था कि बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं का भी टीकाकरण कराया जा सकता है।

    उन्होंने कहा था, ‘‘इस तरह की खबरें थीं कि टीका लगवाने वाली माताओं को कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्तनपान नहीं रोकना चाहिए और इसे जारी रखना चाहिए।किसी भी हालत में एक घंटे के लिए भी स्तनपान नहीं रोका जाना चाहिए।’’

    इस बीच, दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय में ‘कम्युनिटी मेडिसिन’ विभाग में प्रोफेसर डॉ.खान आमिर मारूफ ने कहा कि टीकाकरण करा चुकी मां के स्तनपान कराने से नवजात शिशु को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रसव के बाद टीकाकरण में देरी करने का कोई कारण नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने वाली मां को टीकाकरण के मद्देनजर कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है और उन्हें केवल वे सावधानियां बरतनी हैं, जो आम लोगों को बरतनी चाहिए। 

    फोर्टिस ला फाम, रोजवॉक अस्पताल और अपोलो क्रैडल रॉयल में वरिष्ठ सलाहकार, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ लवलीना नादिर ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान भी टीकाकरण कराया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से संक्रमित होने का यह अर्थ नहीं है कि प्रसव ऑपरेशन के जरिए ही होगा, लेकिन संक्रमण की वजह से मां के बीमार होने के कारण समय से पूर्व प्रसव और ऑपरेशन के जरिए प्रसव की संभावना बढ़ जाती है। यदि कोई महिला संक्रमण के बाद ठीक हो चुकी है, तो उसे संक्रमण से उबरने के तीन महीने बाद ही टीकाकरण कराना चाहिए।’’

    नादिर ने कहा कि यदि मरीज ने पहली खुराक ले ली है और इसके बाद उसके गर्भवती होने का पता चलता है, तो उसे इसकी वजह से गर्भपात कराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘गर्भवती होने से सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने का खतरा बढ़ता नहीं है, लेकिन संक्रमित गर्भवती महिला का उपचार उस महिला की तुलना में जटिल है, जो गर्भवती नहीं है।’’

    विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। मारूफ ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की अभी कोई सलाह नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि कोविड-19 टीकों का गर्भवती महिलाओं पर परीक्षण नहीं किया गया है और उनकी सुरक्षा एवं टीके के उन पर असरदार होने संबंधी आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गाइनकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया ने गर्भवती महिलाओं के भी टीकाकरण की सलाह दी है, क्योंकि इस वैश्विक महामारी में संक्रमित होने और मौत होने का खतरा अधिक है।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘यह खतरा टीकों के दुष्प्रभावों से अधिक खतरनाक प्रतीत होता है।’’ खाद्य और पोषण सुरक्षा गठबंधन (सीएफएनएस), नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक डॉ सुजीत रंजन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशानुसार गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करानी वाली मांओं का भी टीकाकरण हो सकता है, लेकिन भारत में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण अभी विचाराधीन विषय है। फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गाइनकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एवं इनफर्टिलिटी सेंटर ऑफ रेनबो आईवीएफ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.जयदीप मल्होत्रा ने भी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सलाह दी। 

    भाषा

  • 2:29 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    ब्लैक फंगस: औद्योगिक ऑक्सीजन के इस्तेमाल समेत संभावित कारणों का अध्ययन करेंगे विशेषज्ञ

    कर्नाटक में विशेषज्ञ इस बात का अध्ययन करेंगे कि क्या म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी का कारण औद्योगिक ऑक्सीजन और इसके संभावित संदूषण से है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख सी एन अश्वत्थ नारायण ने रविवार को उपचार प्रोटोकॉल समिति के साथ बैठक की, जिसमें संक्रमण के संभावित स्रोतों पर चर्चा की गई। 

    नारायण ने कहा कि राज्य में पिछले सप्ताह ब्लैक फंगस संक्रमण के करीब 700 मामले सामने आए। उन्होंने विशेषज्ञों से इसका कारण पता करने को कहा। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस संक्रमण का संबंध ऑक्सीजन की आपूर्ति और इसके लिए इस्तेमाल होने वाली पाइप एवं सिलेंडर की गुणवत्ता से है। 

    नारायण के कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों का दल सोमवार से इस संबंध में अध्ययन करना शुरू करेगा। विज्ञप्ति में नारायण के हवाले से बताया गया कि पहले देशभर में एक साल में ब्लैक फंगस के करीब 100 मामले सामने आते थे, लेकिन राज्य में इस सप्ताह 700 मामले सामने आए। इन मामलों में बढ़ोतरी के कारण लोगों में घबराहट फैल गई है। 

    नारायण ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामले कोविड-19 से प्रभावित किसी अन्य देश में सामने नहीं आ रहे। ये केवल भारत में देखे जा रहे हैं। मणिपाल अस्पताल (बेंगलुरु) में सर्जन डॉ संपत चंद्र प्रसाद राव ने बैठक में कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के मामलों में बढ़ोतरी का कारण खराब गुणवत्ता के सिलेंडर या अस्पतालों के आईसीयू में खराब गुणवत्ता की पाइप प्रणाली के कारण संदूषण हो सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक ऑक्सीजन के संदूषण या कीटाणुशोधन के निम्न मानकों या अन्य कारणों से ऐसा हो सकता है। राव ने बताया कि इस बात का भी संदेह जताया जा रहा है कि वेंटिलेटरों में नल के साधारण पानी के इस्तेमाल से ऐसा हो सकता है। 

  • 2:23 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    अरुणाचल वायरस मामले अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 के 226 नए मामले, तीन और लोगों की मौत

    अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 के 226 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 24,093 हो गई। राज्य निगरानी अधिकारी (एसएसओ) डॉ. एल जम्पा ने बताया कि कैपिटल कॉम्प्लैक्स क्षेत्र, तवांग और वेस्ट सियांग जिले में संक्रमण के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत के बाद राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 98 हो गई। इन तीनों लोगों की मौत चिकित्सकीय केन्द्र में इलाज के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि नए 226 मामलों में से चांगलांग जिले में 58 मामले, कैपिटल कॉम्प्लैक्स क्षेत्र में 41 मामले, लोअर दिबांग वैली में 27, वेस्ट कामेंग में 20, तवांग में 18, लोअर सुबनसिरी में 17, अंजॉ में 11, नामसाई में सात, ईस्ट सियांग में छह, कुरुंग कुमे, अपर सुबनसिरी में पांच पांच, लोहित में चार, पापुमपरे, लेपारादा, लोअर सियांग तथा शि-योमी जिले में एक-एक नया मामला सामने आया। 

    डॉ. जाम्पा ने बताया कि नए मामलों में से 215 मामले ‘रैपिड एंटीजन’ जांच, सात आरटी-पीसीआर और चार ‘ट्रूनैट’ जांच में सामने आये। वहीं, 260 और लोगों के ठीक होने के बाद राज्य में संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़कर 21,096 हो गई। अधिकारी ने बताया कि राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 87.

    (भाषा)

  • 2:22 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    ओडिशा में कोविड-19 के मामलों की संख्या सात लाख के पार हुई, 32 और लोगों की मौत

    ओडिशा में 11,059 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण्स की पुष्टि होने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार को सात लाख के पार पहुंच गयी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राज्य में एक दिन में सर्वाधिक 32 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है जिससे मृतक संख्या बढ़कर 2,516 हो गयी है। उन्होंने बताया कि 6,193 मामले पृथक-वास केंद्रों से हैं जबकि शेष 4,866 मामले मरीजों के संपर्क में आये लोगों की जांच के दौरान सामने आये। 

    अधिकारी ने बताया कि इन नए मामलों से राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 7,03,441 हो गयी है। कटक जिला में सबसे अधिक 1,133 मामले आये हैं। इसके बाद खुर्दा में 1,010 और अंगुल में 859 मामले आये हैं। संक्रमण से सबसे अधिक छह लोगों की मौत खुर्दा में हुई। इसके बाद गंजम और झारसुगुडा में चार-चार लोगों की मौत हुई और अंगुल, कालाहांडी तथा सुंदरगढ़ में तीन-तीन लोगों ने संक्रमण से दम तोड़ा है। पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित अब तक 53 लोगों ने संक्रमण से दम तोड़ा है। राज्य में 1,11,262 लोगों का उपचार चल रहा है। रविवार को 11,059 लोग संक्रमण से ठीक हुए और अब तक कुल 5,89,610 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। 

    (भाषा)

  • 2:07 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    ब्लैक, व्हाइट फंगस के बाद येलो फंगस का पहला मामला सामने आया

    यैलो फंगल का पहला मामला गाजियाबाद से सामने आया है। मरीज का इलाज इस समय जाने-माने ईएनटी सर्जन बृज पाल त्यागी के अस्पताल में चल रहा है।  कहा जा रहा है कि यह ब्लैक और व्हाइट से भी ज्यादा खतरनाक है। 

    पढ़ें पूरी खबर

  • 1:06 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    उत्तर प्रदेश में  पांच हजार से नीचे आए कोरोना के नए मामले

    उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घट रहे हैं। संक्रमण की घटने की रफ्तार देश में सबसे तेज है। पिछले 17 दिनों में 21 मई को छोड़ दें तो प्रदेश में संक्रमण के घटने का यह लगातार 16 वां दिन रहा। पिछले 24 घंटे में 10 हजार से नीचे (4844) रहे। 21 मई को अपवाद मान लें तो रोज के संक्रमण की संख्या लगातार कम हुई है। यह पांच हजार से कम केस दर्ज हुए हैं।

    स्वाथ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 49 ऐसे जिले हैं जहां पर संख्या घटकर 1000 से नीचे आ गयी है। इनमें 20 जिले ऐसे हैं जहां पर सक्रिय केस 500 से भी कम है। लखनऊ मे जहां 6 हजार से ज्यादा मामले आते थे। वहां पर सक्रिय केस 5458 हो गयी है। लखनऊ में 301 केस आए हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना जांच के लिए 3,17,684 नमूनों की टेस्टिंग की गयी है जो कि अपने आप में रिकार्ड है।

  • 10:38 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    पूरे विश्व में कोरोना के मामले 16.69 करोड़ से ज्यादा

    पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़कर 16.69 करोड़ से ज्यादा हो गए है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 34.5 लाख हो गई है। इसकी जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दी। सोमवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में, यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने बताया कि वर्तमान में विश्व में कोरोना संक्रमण और मरने वालों की संख्या क्रमश: बढ़कर 16,69,36,377 और 34,58,820 हो गई है।

    सीएसएसई के अनुसार, दुनिया के सबसे ज्यादा मामलों और मौतों की संख्या क्रमश: 33,116,798 और 589,890 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है।

    कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 26,530,132 दूसरे स्थान पर है।

    सीएसएसई के आंकड़े के अनुसार 30 लाख से ज्यादा मामलों वाले अन्य सबसे प्रभावित देश ब्राजील (16,083,258), फ्रांस (5,980,325), तुर्की (5,186,487), रूस (4,944,129), यूके (4,478,390), इटली (4,192,183), जर्मनी (3,657,662), स्पेन (3,636,453) , अर्जेंटीना (3,539,484) और कोलंबिया (3,232,456) हैं।

    कोरोना से हुई मौतों के मामले में ब्राजील 449,068 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है।

    भारत (299,266), मैक्सिको (220,493), यूके (127,983), इटली (125,225), रूस (116,497) और फ्रांस (108,358) में 100,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

    --आईएएनएस

  • 10:35 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    24 घंटों में देश में कोरोना के मामले

    अबतक देश में कोरोना वायरस की वजह से 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस की वजह से 4454 लोगों की जान गई है और अबतक यह वायरस देश में 303720 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। 

    स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटो के दौरान देश में 302544 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं और एक्टिव मामलों में 84683 की कमी आई है। देश में अब कोरोना वायरस के एक्टिव मामले 27.20 लाख बचे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 2.22 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं। 

     

  • 7:45 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    प्रोन करने का सही तरीका

    कोरोना मरीजों के लिए प्रोन प्रक्रिया काफी कारगर साबित हो रही हैं।  अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जा रहा है तो यह प्रकिया ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद कर सकती हैंय़। जानिए डॉ सूर्यकांत से प्रोन करने का सही तरीका। 

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