Friday, April 26, 2024
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बुखार की समस्या से हैं परेशान तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, शरीर के दर्द और अकड़न से भी मिलेगा छुटकारा

आमतौर पर बुखार कई तरीकों को होता है। जिनमें से 3 मुख्य माने जाते हैं। पहला शरीर में दर्द होना, दूसरा कफ बढ़ने और तीसरा पित्त बढ़ने के कारण आता है। कई बार शरीर में तेज दर्द, अकड़न की समस्या हो जाती है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 22, 2021 13:17 IST

बदलते मौसम के कारण अधिकतर लोगों को सर्दी-जुकाम के साथ बुखार की समस्या का शिकार हो जाते हैं। बुखार आना आम समस्या है। शरीर में मौजूद संक्रमण से लड़ने के लिए यह नैचुरल तरीके की तरह है। स्वामी रामदेव के अनुसार जब शरीर में कोई इंफेक्शन या बैक्टीरिया प्रवेश कर जाता है जो इनसे लड़ने के लिए इम्यूनिटी तेजी से बढ़ जाती है जिससे शरीर गर्म हो जाता है। जो बुखार का कारण बन जाता है। लेकिन लंबे समय तक बुखार आने से आपका शरीर कमजोर हो जाता है। इसलिए अगर 2-3 दिन के बाद भी आपको बुखार आए तो इसका इलाज तुरंत कराना चाहिए। 

आमतौर पर बुखार कई तरीकों को होता है। जिनमें से 3 मुख्य माने जाते हैं। पहला शरीर में दर्द होना, दूसरा कफ बढ़ने और तीसरा पित्त बढ़ने के कारण आता है। कई बार शरीर में तेज दर्द, अकड़न की समस्या हो जाती है। ऐसे में आप इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। 

लौकी

लौकी में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम , जिंक के साथ-साथ पोटैशियम पाया जाता हैं जो बुखार के साथ-साथ शरीर के दर्द से भी कम करने में मदद करता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए थोड़ी सी लौकी लेकर हथेलियों में कुछ देर के लिए रगड़ लें। 

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माथे पर रखें ठंडी पट्टी
एक कॉन का कपड़ा लेकर ठंडे पानी में डुबोकर निचोड़ लें औऱ इसे माथे पर रखें। इससे धीरे-धीरे आपकी बॉटडी का तापमान कम हो जाएगा। 

गिलोय घनवटी
अगर आप बार-बार बुखार आने की समस्या से परेशान हैं तो गिलोय घनवटी का सेवन कर सकते हैं। इससे भी आपको लाभ मिलेगा। सुबह, दोपहर और शाम 1-1 गोली खाएं। एक सप्ताह में हमेशा के लिए बुखार से निजात पा लेंगे। 

गिलोय का सेवन
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक,कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, एंटी-बैक्टीरियल आदि तत्व पाए जाते हैं। जो बुखार के साथ कई बीमारियों से निजात दिलाता है। गिलोय का तना लेकर छोटे-छोटे पीस काट लें। इन्हें अच्छी तरह से धोकर दो गिलास पानी में उबाल लें। पानी को उबाल कर आधा कर लें। फिर इसे ठंडा करके पिएं। आप रोज एक गिलास गिलोय जूस पी सकते हैं। 

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तुलसी और गिलोय का काढ़ा 
गिलोय और तुलसी का बना काढ़ा भी काफी कारगर हो सकता है। दोनों में ही एंटीबायोटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुए पाए जाते हैं जो आसानी से आपके लिए फायदेमंद होगे। इसके लिए एक पैन में 2 कप पानी में 10-12 तुलसी की पत्तियां और 4-5 इंच गिलोय की डंडी डालकर धीमी आंच में पका लें। जब पानी आधा कप बचे तो इसे हल्का ठंडा करके धीरे-धीरे पी लें। 

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