नई दिल्ली: 2017-18 का बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह (क्रेडिट फ्लो) बढ़ाने के प्रयास के तहत कृषि ऋण लक्ष्य को एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2017-18 में फार्म लोन टारगेट बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया जो मौजूदा समय में 9 लाख करोड़ रुपये है। इसके अलावा वित्तमत्री ने 2019 तक एक करोड़ लोगों को पक्का घर देने की भी बात कही है।
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बजट में किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान दिए जाने की बात कही गई है। साथ ही किसानों को समय पर कर्ज मिले, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। नाबार्ड के कंप्यूटरीकरण की ओर भी सरकार खास ध्यान देगी ताकि किसानों को कर्ज देने में आसानी हो। सरकार को कृषि विकास दर 4.1 पर्सेंट होने की उम्मीद है। साथ ही सरकार को आशा है कि इस बार फसल अच्छी रहेगी।
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सॉइल हेल्थ कार्ड पर भी भारत सरकार ध्यान दे रही है। कृषि विज्ञान क्षेत्र में 100 नए लैब बनाए जाएंगे। वहीं, नाबार्ड के तहत सिंचाई के लिए आवंटित राशि 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ कर दी गई है। NABARD ड्रॉप मोर क्रॉप की योजना लेकर आ रहा है, जिसके लिए 5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 9 हजार करोड़ और NABARD के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान है। सरकार ने कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का मॉडल लाया जाएगा और कई मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट भी खोली जाएंगी।
वहीं, मनरेगा को भी नए तरीके से किसानों के सामने पेश किया जाएगा ताकि उनको फायदा पहुंचाया जा सके। वित्तमंत्री ने बताया कि मनरेगा में दस लाख तालाब बने। मनरेगा के लिए अब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। गांवों में 133 किमी सड़क हर रोज बन रही है, पहले 73 किमी सड़क रोज बनती थी। वित्तमंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन को कामयाब बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बढ़ाने की रफ्तार 18 पर्सेंट बढ़ी। राष्ट्रीय पेयजल योजना के तहत आर्सेनिक और जहरीले तत्वों से प्रभावित क्षेत्रों को पानी पहुंचाने की कोशिश। 2019 तक एक करोड़ लोगों को सरकार ने पक्का घर देने की बात कही है।