Saturday, April 27, 2024
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RSS प्रमुख मोहन भागवत के ‘लिंचिंग’ वाले बयान पर भड़की कांग्रेस, कहा- ‘सब झूठ है’

RSS प्रमुख मोहन भागवत की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या और अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें आड़े हाथों लिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 08, 2019 19:12 IST
Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat - India TV Hindi
Image Source : PTI Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat 

मुंबई: RSS प्रमुख मोहन भागवत की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या और अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें आड़े हाथों लिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं को अंजाम लेने वाले लोग RSS की विचारधारा से आते हैं। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख ने कहा है कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या से उनके संगठन का कोई लेना देना नहीं और देश में कोई आर्थिक मंदी नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं को अंजाम लेने वाले लोग RSS की विचारधारा से आते हैं। सावंत ने कहा, ‘‘RSS का लिचिंग से कोई लेना नहीं है, यह कहना वैसा ही झूठ है जैसे यह कहना झूठ है कि RSS एक सांस्कृतिक संगठन है, जातिवाद का विरोधी है, आरक्षण का समर्थक है और संविधान तथा तिरंगे का सम्मान करता है।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘झूठ फैलाना संघ परिवार की विचारधारा है।’’ 

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ मेरा सरसंघचालक मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है- क्या वह और उनका संगठन घृणा और हिंसा का इस्तेमाल कर निर्दोष और असहाय लोगों की हत्या का अनुमोदन करते हैं या ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं। देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, यह मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है। क्या अफवाहों से उत्तेजित भीड़ द्वारा निर्दोष व असहाय लोगों की हत्या का आप अनुमोदन करते हैं या निंदा ? राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण अनिवार्य और वांछित है।’’

गौरतलब है कि नागपुर में मंगलवार सुबह RSS की विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारतीय प्ररिपेक्ष्य में लिचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। भागवत ने यह भी कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है क्योंकि देश पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है। RSS प्रमुख ने कहा कि "तथाकथित" अर्थिक मंदी के बारे में "बहुत अधिक चर्चा" करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे कारोबारजगत तथा लोग चिंतित होते हैं और आर्थिक गतिविधियों में कमी आती है। 

उन्होंने यह भी कहा कि 'स्वदेशी' पर आरएसएस के जोर का मतलब आत्मनिर्भरता है, न कि आर्थिक अलगाव। भागवत ने कहा कि सरकार स्थितियों में सुधार के उपाय कर रही है और हमें विश्वास रखना चाहिए। भागवत ने कहा, "देश बढ़ रहा है। लेकिन विश्व अर्थव्यवस्था में एक चक्र चलता है, जब कुछ कठिनाई आती है तो विकास धीमा हो जाता है। तब इसे सुस्ती कहते हैं।”

उन्होंने कहा, "एक अर्थशास्त्री ने मुझसे कहा कि आप इसे मंदी तभी कह सकते हैं जबकि आपकी विकास दर शून्य हो। लेकिन हमारी विकास दर पांच प्रतिशत के करीब है। कोई इसे लेकर चिंता जता सकता है, लेकिन इस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि "इस पर चर्चा से एक ऐसे परिवेश का निर्माण होता है, जो गतिविधियों को प्रभावित करता है। तथाकथित मंदी के बारे में बहुत अधिक चर्चा से उद्योग एवं व्यापार में लोगों को लगने लगता है कि अर्थव्यवस्था में सच में मंदी आ रही है और वे अपने कदमों को लेकर अधिक सतर्क हो जाते हैं।”

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