Friday, April 26, 2024
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अटल टनल तक जाने का सबसे शॉर्ट रास्‍ता, देखें पूरा रूट

घूमने फिरने के शौकीनों के लिए आज एक अच्छी खबर तब आई जब हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित ‘‘अटल सुरंग’’ का उद्घाटन कर दिया गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 03, 2020 21:41 IST
delhi to atal tunnel route distance time short route- India TV Hindi
Image Source : PTI delhi to atal tunnel route distance time short route

नई दिल्ली: घूमने फिरने के शौकीनों के लिए आज एक अच्छी खबर तब आई जब हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित ‘‘अटल सुरंग’’ का उद्घाटन कर दिया गया। अब दिल्ली से लाहौल स्‍पीति जाने के लिए मात्रा 13 घंटे के आसपास समय लगेगा। वहीं दिल्‍ली से सबसे छोटे रास्‍ते से अटल टनल तक पहुचने में करीब 557 किमी दूरी रह जाएगी। 

इसके सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा। अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन किया गया है। हम आपको इस खबर में बताएंगे दिल्ली से अटल जाने का सबसे छोटे रास्ते के बारे में। 

दिल्ली से अटल टनल का पूरा रूट

दिल्ली से सोनीपत-पानीपत-करनाल-कुरुक्षेत्र- अंबाला-रूपनगर-बिलासपुर- बरमाना- सुंदर नगर- मंडी- कुल्‍लु- मनाली- बरवा के रास्‍ते अटल टनल तक पहुंचा जा सकता है। 

मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित ‘‘अटल सुरंग’’ का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है जो मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक संपर्क से कटी रहती थी। मोदी ने फीता काटकर सुरंग का उद्घाटन किया। 

सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर अति-आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनाई गई है। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा। अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन किया गया है। 

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था, जिनका निधन पिछले वर्ष हो गया।

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