Friday, April 26, 2024
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जीएसटी महत्वपूर्ण सुधार, केवल दो तिमाही में पड़ा वृद्धि पर असर: वित्त मंत्री अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है जिसे लंबे समय तक याद रखा जायेगा और इसका देश की आर्थिक वृद्धि पर केवल दो तिमाही के लिये ही असर हुआ।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 11, 2018 22:30 IST
GST a monumental reform, hit growth only for two quarters: Arun Jaitley- India TV Hindi
GST a monumental reform, hit growth only for two quarters: Arun Jaitley

मुंबई: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए रविवार को कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है जिसे लंबे समय तक याद रखा जायेगा और इसका देश की आर्थिक वृद्धि पर केवल दो तिमाही के लिये ही असर हुआ। जेटली की यह टिप्पणी रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की ओर से जीएसटी की वजह से आर्थिक वृद्धि को झटका लगने का बयान दिये जाने के एक दिन बाद आई है। रघुराम राजन ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी इन दो कदमों से भारत की आर्थिक वृद्धि दर को झटका लगा है। हालांकि, अपनी बात कहते हुये जेटली ने राजन का नाम नहीं लिया। 

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जेटली सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक की 100वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उनका संबोधन वीडियो लिंक के जरिये प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘आपको हमेशा ही ऐसे आलोचक और निंदा करने वाले मिल जायेंगे जो कहेंगे कि इससे (जीएसटी) भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ गई।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि दो तिमाहियों में प्रभावित होने के बाद आर्थिक वृद्धि की दर बढ़कर सात प्रतिशत, उसके बाद 7.7 प्रतिशत और आखिरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। उन्होंने इसका विशेष तौर पर उल्लेख किया कि वृद्धि की यह दर 2012 से 2014 के बीच हासिल की गई 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि से काफी काफी ऊंची रही है। 

उन्होंने कहा कि जीएसटी भारत की आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार हुआ है। जीएसटी देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया। इसका आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पर असर डालने वाला प्रभाव केवल दो तिमाहियों के लिये रहा है। जेटली ने यह भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये बैंकों के फंसे कर्ज यानी एनपीए में कमी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने और भारत को तेजी से आगे बढ़ाने के लिये हमें एनपीए को कम से कम करने की जरूरत है। इसके लिये कई तरह के विकल्पों को अपनाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि नये उपायों से निश्चित ही परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली की मजबूती को और बेहतर बनाने की जरूरत है ताकि बाजार में नकदी की स्थिति को बेहतर स्तर पर बनाये रखा जा सके। 

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