Friday, April 19, 2024
Advertisement

सचिन पायलट को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस पर आज होगी कोर्ट में सुनवाई

सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों ने उच्च न्यायालय में राज्य विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने संबंधी नोटिस को चुनौती दी है जिस पर सुनवाई शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे होनी तय हुई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 17, 2020 7:19 IST
राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट के अयोग्यता नोटिस पर सुनवाई टली- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट के अयोग्यता नोटिस पर सुनवाई टली

जयपुर: सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों ने उच्च न्यायालय में राज्य विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने संबंधी नोटिस को चुनौती दी है जिस पर सुनवाई शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे होनी तय हुई है। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने विधायकों को कल दोपहर एक बजे तक ही नोटिस का जवाब देने को कहा है।

इस याचिका पर आज अपराह्न करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर से सुनवाई हुई और उसे खंड पीठ के पास भेज दिया गया। कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी के वकील ने शाम में कहा था कि अदालत ने वकीलों को शाम साढ़े सात बजे उसके समक्ष उपस्थित होने को कहा है। लेकिन अदालत की पीठ सुनवाई के लिए नहीं बैठी और मामला कल के लिए टल गया। दोनों पक्षों की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता पेश हुए थे। 

विधानसभा अध्यक्ष जोशी की ओर से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी अदालत में पेश हुए थे। वहीं अतीत में भाजपा नीत केन्द्र सरकार की पैरवी कर चुके हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पायलट खेमे की ओर से अदालत आए थे। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी से शिकायत की थी कि सचिन पायलट सहित इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया। 

पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है। 

दिन में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील दी थी कि विधायक नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं और उन्हें नए सिरे से अर्जी देने के लिए कुछ समय चाहिए। जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा भी हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। 

नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेन्द्र सिंह शेखावत, भंवरलाल शर्मा और हरीश चन्द्र मीणा भी शामिल हैं। इन्होंने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement