Saturday, April 27, 2024
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कर्नाटक में कोरोना के 6955 नए केस मिले, 36 मरीजों की मौत हुई

कर्नाटक में शनिवार को कोविड-19 के 6,955 नए मामले सामने आए, जो पिछले दिन के 7,955 मामलों की तुलना में एक हजार कम है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 10, 2021 21:45 IST
कर्नाटक में कोरोना के 6955 नए केस मिले, 36 मरीजों की मौत हुई- India TV Hindi
Image Source : PTI कर्नाटक में कोरोना के 6955 नए केस मिले, 36 मरीजों की मौत हुई

बेंगलुरु: कर्नाटक में शनिवार को कोविड-19 के 6,955 नए मामले सामने आए, जो पिछले दिन के 7,955 मामलों की तुलना में एक हजार कम है। इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आयी और आज इससे 36 संक्रमित लोगों की मौत हुईं, जबकि शुक्रवार को 46 मौतें हुई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने कहा कि राज्य में अब संक्रमण के कुल 10,55,040 मामले हो गए हैं और अब तक 12,849 मौतें हुई हैं। 

बुलेटिन के अनुसार, अब तक राज्य भर में 9,80,519 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। शनिवार को 3,350 मरीज ठीक हुए। विभाग ने कहा कि 61,653 रोगियों का उपचार चल रहा है और उनमें 405 सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में हैं। राज्य भर में आए नए मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक मामले अकेले बेंगलुरु शहरी जिले से सामने आए हैं। शहर में 4,384 नए मामले आए हैं। 

बेंगलुरु शहर में अब तक संक्रमण के कुल 4,74,398 मामले आए हैं और 4,788 मौतें हुई हैं। 44,863 मरीजों का इलाज चल रहा है। विभाग ने बताया कि राज्य में अब तक 2.26 करोड़ जांच हो चुकी हैं। विभाग ने बाया कि राज्य में अब तक 56.26 लाख लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है। 

क्यों बढ़ रहा कोरोना? वैज्ञानिकों से जानिए

भारत में कोविड-19 के मामलों में बेहद तेज बढ़ोतरी क्यों हो रही है, इसका कोई सीधा जवाब नहीं है। हालांकि, शीर्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप, चुनाव एवं अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के चलते बड़ी आबादी का संक्रमण के खतरे की जद में आना और सावधानी बरतने में लापरवाही मामलों में तेज वृद्धि के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि संक्रमण के 1,45,384 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 1,32,05,926 तक पहुंच गई।

इस बीच, कुछ लोगों का कहना है कि यह संक्रमण की दूसरी लहर है जोकि पहली लहर के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ रही है। विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील और टी जैकब जॉन का मानना है कि कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना और सुस्त टीकाकरण अभियान तेजी से बढ़ते मामलों के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। साथ ही लोगों को यह बताया जाना भी बेहद जरूरी है कि टीकाकरण के बावजूद उन्हें कोविड-19 बचाव संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जमील का कहना है कि अगले कुछ महीनों में वायरस के स्वरूप और टीके की परस्पर क्रिया भारत और विश्व में कोविड का भविष्य तय करेगी।

हरियाणा में अशोका विश्वविद्यालय के त्रिवेदी जीव विज्ञान संस्थान के निदेशक जमील ने कहा, 'मामलों में बढ़ोतरी की तीव्रता इस बात को दर्शाती है कि पहली लहर के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे जिनके संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम अधिक था।' जमील ने कहा, तथ्य यह है कि संक्रमण की पहली लहर के समाप्त होने के बाद लोगों ने सावधानी बरतना कम कर दिया और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जोकि निश्चित तौर पर मामलों में उछाल का एक कारण है। तमिलनाडु के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में विषाणु विज्ञान के प्रोफेसर टी जैकब जॉन ने कहा कि कोविड-19 बचाव नियमों का पालन नहीं किया जाना संक्रमण की नयी लहर की एक प्रमुख वजह में शुमार है।

जॉन ने कहा, 'बचाव नियमों में कमी की शुरुआत केंद्र सरकार ने की, जिसका सभी राजनीतिक दलों, सभी धार्मिक समूहों और बड़े स्तर पर आम जनता ने अनुसरण किया। सभी कर्मचारियों का टीकाकरण किए बिना स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए। यह भी दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार साबित हुआ। जहां भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे, वहां सख्ती से नियम लागू किए जाने चाहिए थे। हालांकि, चुनाव के चलते कोई नेता ऐसा नहीं चाहता था। महामारी के दौरान चुनाव की योजना बेहद सावधानी से बनाई जानी चाहिए थी।' वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि वायरस का बदलता स्वरूप भी संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है।

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