पुलिस ने FIR लिखने से किया मना-
“हमारे मकां में लूटपाट की गई थी। यहां तक की प्लास्टिक की कुर्सियां और टेलीविजन भी लूट लिया गया। मेरे बच्चों को भी बुरी तरह पीटा गया था। मेरी पत्नी भी घर पर नहीं थी। मैं अपने पड़ोसियों के घर पर गया लेकिन उनमें से अधिकांश शादी में गए हुए थे और नहीं जानते थे कि उनके घर में क्या हुआ। मैं पुलिस थाने गया लेकिन पुलिस ने FIR लिखने से मना कर दिया। उन्होंने हमें कुछ दिन रुकने को कहकर टरका दिया। यहां तक की उन्होंने हमें अपशब्द कहे और यह कह डाला कि तुम्हारी पत्नी अपने लवर के साथ भाग गई होगी और उसके साथ आनंद ले रही होगी। मैने उस दिन के बाद अपनी पत्नी को नहीं देखा और मुझे यह भी नहीं मालूम कि उसके साथ क्या हुआ। आखिरकार जब हमारे पड़ोसी लौटे तो उन्होंने काफी मदद की, वो हमारे साथ पुलिस थाने गए और पुलिस ने हमारी शिकायत दर्ज की, लेकिन मुझे तब भी लग रहा था कि मेरे केस में कुछ भी नहीं होगा। मेरे पड़ोसियों ने हमारी काफी मदद की भावनात्मक रुप से भी और आर्थिक रुप से भी। इसके बाद मैं कराची में एक फ्लैट लेकर रहने लगा।”
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