Thursday, April 25, 2024
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Rajat Sharma Blog: तीन तलाक बिल संसद में पास कराने को लेकर क्यों गंभीर हैं पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने अब मुसलमानों के बीच पहुंच बनाने के लिए गंभीर कदम उठना शुरू कर दिया है, और इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए तीन तलाक बिल एक बार फिर से 17वीं लोकसभा में पेश किया जाएगा।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: June 13, 2019 15:55 IST
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Why PM Modi is serious about passage of Triple Talaq Bill in Parliament?

मोदी 2.0 सरकार के गठन के बाद अपनी पहली बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन तलाक पर संसद में बिल लाने का फैसला किया जो फिलहाल लागू अध्यादेश की जगह लेगा। यह बिल मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) के दूसरे अध्यादेश की जगह लेगा और यदि यह संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाता है तो तालक-ए-बिद्दत या इंस्टैंट ट्रिपल तलाक जैसी प्रथाओं पर अंकुश लगाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। 

यह बिल पिछले साल लोकसभा से पारित हुआ था लेकिन यह कांग्रेस और अन्य दलों के विरोध के चलते राज्यसभा में पारित नहीं हो सका। 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ यह बिल निष्प्रभावी हो गया। अब नया बिल संसद के आगामी सत्र में फिर से पेश किया जाएगा।

केंद्र सरकार की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का मूल मंत्र है। यह मदरसों के उन्नयन, मुस्लिम छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुस्लिमों के बीच कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर, मुस्लिम समुदाय के बीच व्यापक पहुंच बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई मुहिम का हिस्सा है।

तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं को लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा और विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में भी मदद करेगा। इस बिल में तालक-ए-बिद्दत जैसी प्रथा को अवैध घोषित किया गया है। इसमें तीन साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं इसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं और आश्रित बच्चों को गुजारा भत्ता भी देने का प्रावधान है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर अंकुश लगाने का प्रयास शुरू करके उन लाखों मुस्लिम महिलाओं का सम्मान अर्जित किया है, जिनके सिर पर हमेशा तीन तलाक की तलवार लटकी रहती थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था। 

पीएम मोदी ने अब मुसलमानों के बीच पहुंच बनाने के लिए गंभीर कदम उठना शुरू कर दिया है, और इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए तीन तलाक बिल एक बार फिर से 17वीं लोकसभा में पेश किया जाएगा। 

मुस्लिमों के बीच पहुंच का राजनीतिक अर्थ है उस पुराने मजूबत गढ़ को तोड़ना जिसमें खुद को मुस्लिमों का हितैषी बतानेवाले नेता इस समुदाय के लोगों का इस्तेमाल एक वोट बैंक के तौर पर करते हैं। इस धारणा को हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में खारिज कर दिया गया, जब बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं ने भी बीजेपी को वोट दिया, क्योंकि उन्हें भी उज्जवला, उजाला, मुद्रा और स्वच्छ भारत जैसी समाज कल्याण की योजनाओं से लाभ मिला। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 12 जून 2019 का पूरा एपिसोड

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