Tuesday, April 23, 2024
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सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से कोविशील्ड के नियमित मार्केटिंग के लिए मंजूरी मांगी

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुणे स्थित एसआईआई ने कोविशील्ड के वास्ते नियमित विपणन की अनुमति के लिए अपने आवेदन के साथ भारत से संबंधित अंतिम चरण 2/3 की चिकित्सीय ​​अध्ययन रिपोर्ट जमा कर दी है। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 25, 2021 22:05 IST
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से कोविशील्ड के नियमित मार्केटिंग के लिए मंजूरी मांगी - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से कोविशील्ड के नियमित मार्केटिंग के लिए मंजूरी मांगी 

नयी दिल्ली: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने भारत और अन्य देशों में ‘कोविशील्ड’ की 100 करोड़ से अधिक खुराकों की आपूर्ति किए जाने का उल्लेख करते हुए सोमवार को अपने इस कोविड रोधी टीके की नियमित मार्केटिंग (विपणन) की मंजूरी मांगी जिसे अभी देश में आपात उपयोग की अनुमति प्राप्त है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। एसआईआई में सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को टीके के नियमित विपणन की मंजूरी देने का आवेदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड रोधी टीके के घरेलू निर्मातओं के साथ बैठक किए जाने के चंद दिन बाद भेजा है। यदि डीसीजीआई नियमित विपणन की अनुमति प्रदान करता है तो कोविशील्ड ऐसी स्वीकृति प्राप्त करने वाला दुनिया का दूसरा टीका होगा।

बता दें कि, फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 टीके को 16 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की पूर्ण अनुमति मिल चुकी है। देश में अब तक दी गईं कोविड-19 रोधी टीके की 102.27 करोड़ से अधिक खुराकों में से लगभग 90 प्रतिशत कोविशील्ड और लगभग 10 प्रतिशत भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके से संबंधित खुराक हैं। इनमें रूस के स्पूतनिक वी टीके की मात्रा एक प्रतिशत से भी कम है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुणे स्थित एसआईआई ने कोविशील्ड के वास्ते नियमित विपणन की अनुमति के लिए अपने आवेदन के साथ भारत से संबंधित अंतिम चरण 2/3 की चिकित्सीय ​​अध्ययन रिपोर्ट जमा कर दी है। सिंह के आवेदन के अनुसार, कंपनी ने आठ जून, 2021 को ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से 24, 244 विषयों के चरण-3 के चिकित्सीय ​​​​अध्ययन के परिणाम केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को जमा कर दिए हैं। इसके अलावा, अमेरिका, चिली और पेरू से 32,379 विषयों के तीसरे चरण के ​​अध्ययन के परिणाम नौ जुलाई को प्रस्तुत किए गए थे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सिंह ने आवेदन में कहा है, ‘‘भारत में हमारे चरण 2/3 के चिकित्सीय ​​अध्ययन के सफल समापन के अलावा, अब तक हमारे कोविशील्ड की 100 करोड़ से अधिक खुराक हमारे देश और दुनियाभर के लोगों को दी जा चुकी हैं।’’ सिंह ने आवेदन में कहा है, ‘‘हमारे कोविशील्ड टीके के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम अपने आप में कोविशील्ड की सुरक्षा और प्रभाव का साक्ष्य है।’’

सिंह ने तीन जनवरी को कोविशील्ड को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने के लिए डीसीजीआई कार्यालय और विषय विशेषज्ञ समिति का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से टीके ने महामारी नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह भारत के कोविड रोधी टीकाकरण अभियान का मुख्य आधार रहा है। माना जाता है कि सिंह ने पत्र में लिखा है, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का हिस्सा रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, भारत सरकार की टीम के उचित दिशा-निर्देशन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार सी पूनावाला के नेतृत्व में टीम सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए कोविशील्ड टीके के निर्माण और आपूर्ति के लिए अथक प्रयास करती रही है। माना जाता है कि सिंह ने अपने आवेदन में कहा है, "हमारे प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप, हमने अपने देश को कोविड-19 टीके के लिए आत्मानिर्भर बनाया है। उपर्युक्त तथ्यों को देखते हुए, हम कोविशील्ड के नियमित विपणन की मंजूरी के लिए आपसे अनुरोध करते हैं।" 

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