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हमले के तुरंत बाद सबसे पहले पहुंचे थे पहलगाम यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर, CRPF ने रिपोर्ट तलब की

कमांडिंग ऑफिसर और उनकी क्विक एक्शन टीम ने मौके पर "बहुत ही साहस" का परिचय दिया और अपराह्न करीब 2.30 बजे मौके पर पहुंचे। यूनिट को टट्टूवालों ने जब आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने की घटना की जानकारी दी तब सुरक्षाकर्मी खड़ी चढ़ाई के बावजूद 40-45 मिनट में बैसरन पहुंच गए थे।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : May 06, 2025 10:17 pm IST, Updated : May 06, 2025 10:17 pm IST
pahalgam terror attack- India TV Hindi
Image Source : PTI बैसरन घाटी जहां आतंकी हमला हुआ था।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने 22 अप्रैल को बैसरन पर्यटक स्थल पर हुए आतंकवादी हमलों के दिन क्विक एक्शन टीम (QAT) के कमांडो के साथ सबसे पहले घटनास्थल पहुंचने वाले पहलगाम यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर से डिटेल ब्यौरा मांगा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ के DG जी. पी. सिंह ने छत्तीसगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर राजेश कुमार और 116वीं बटालियन के अन्य अधिकारी, अन्य कंपनी कमांडर तथा सीनियर एवं जूनियर रैंक के अधिकारी शामिल हुए।

अधिकारियों ने बताया कि DG ने कश्मीर जोन के इंस्पेक्टर जनरल को निर्देश दिया कि वे कमांडिंग ऑफिसर से मिनट-दर-मिनट का विवरण मांगें कि आतंकवादी हमला कैसे हुआ और क्या यूनिट की ओर से कोई चूक हुई थी।

क्विक एक्शन टीम ने साहस का परिचय दिया

सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर और उनकी क्विक एक्शन टीम ने मौके पर "बहुत ही साहस" का परिचय दिया और अपराह्न करीब 2.30 बजे मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार, यूनिट को टट्टूवालों ने जब आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने की घटना की जानकारी दी तब सुरक्षाकर्मी खड़ी चढ़ाई के बावजूद 40-45 मिनट में बैसरन पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि इस साहस का परिचय देने के लिए यूनिट की प्रशंसा करने के बजाय उनकी ‘खिंचाई’ किये जाने से उन सुरक्षाकर्मियों और कमांडिंग ऑफिसर का ‘‘मनोबल गिरेगा’’, जिन्होंने घटनास्थल पर वास्तविक खतरे को जाने बगैर तुरंत कार्रवाई की।

DG ने यूनिट की सराहना की

दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि DG ने यूनिट के त्वरित कदम उठाने की सराहना की है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि "सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिक जिम्मेदारी लोगों को सुरक्षित रखना है।" सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि बल को केंद्र शासित प्रदेश और उसकी पुलिस की ‘‘सहायता" के लिए तैनात किया गया है और इसलिए वह अपने आप काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यूनिट को जम्मू-कश्मीर पुलिस के निर्देश पर तैनात किया जाता है और सीआरपीएफ को उस दिन बैसरन इलाके की सुरक्षा का जिम्मा नहीं सौंपा गया था।

बैसरन से 6 किमी नीचे स्थित है CRPF कैंप

सूत्रों के अनुसार DG  ने यह भी "स्पष्ट किया कि सीआरपीएफ को जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र अभियान चलाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस इलाके में वे तैनात हैं, वह सुरक्षित रहे।" मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल प्रमुख ने कुछ सवाल पूछे ताकि आगे से "चीजें सुधरें"। सबसे पहले बात करने वाले अधिकारियों के अनुसार, 116वीं सीआरपीएफ बटालियन का डेल्टा कंपनी बेस बैसरन मैदानी इलाके से सिर्फ 6 किलोमीटर नीचे स्थित है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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