Wednesday, May 08, 2024
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असम के CM हिमंत विश्व शर्मा ने आप की अदालत में कहा, 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद गिर सकती है कर्नाटक की कांग्रेस सरकार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आप की अदालत में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Updated on: May 28, 2023 0:02 IST
aap ki adalat- India TV Hindi
आप की अदालत में असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद यह गिर सकती है।

वह इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। जब उन्हें बताया गया कि सिद्धारमैया और डी. के. शिवकुमार ने कर्नाटक में 2.5-2.5 साल के लिए सरकार चलाने का फैसला किया है, हिमंत ने कहा: 'मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कर पाएंगे। 2024 के लोकसभा आम चुनावों के बाद सरकार निश्चित रूप से गिरने वाली है।'

रजत शर्मा: अब देखिए, कर्नाटक में तो उन्होंने अच्छा इंतजाम कर लिया, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों के लिए 2.5-2.5 साल?

हिमंत: क्या आपको लगता है कि यह सरकार 2.5 साल तक चलेगी? क्या यह सरकार लोकसभा चुनाव के बाद बच पाएगी?

रजत शर्मा: यह तो आप बता सकते हैं।
हिमंत: ये आप बता सकते हैं। आपका इतने साल का अनुभव है।

रजत शर्मा: क्या यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने लोग असम आते हैं?
हिमंत: क्या आपको ऐसा लगता है? आज 15 दिन हो गए, सरकार नहीं बन रही है, मंत्रिमंडल नहीं बन रहा है। क्या आपको लगता है कि यह सरकार लोकसभा चुनाव के बाद टिकेगी? मुझको तो नहीं लगता है।

रजत शर्मा: तो क्या होगा?
हिमंत: टूट जाएगी। कोई दूसरा मुख्यमंत्री बनेगा।

हिमंत ने भविष्यवाणी की कि बीजेपी अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘भारत अपने इतिहास के सबसे अच्छे दौर से गुजर रहा है। लोग अपनी पिछली विरासत और 6000 साल पुरानी सभ्यता पर गर्व महसूस करते हैं। वे सामंती मानसिकता वाले गांधी परिवार से छुटकारा चाहते हैं। मोदी ने भारत के लोगों की मानसिकता में एक बड़ा बदलाव किया है।’

रजत शर्मा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उग्र हिंदुत्व की वकालत करने में एक-दूसरे के साथ मुकाबला कर रहे हैं, हिमंत ने जवाब दिया: ‘मैं एक छोटे से राज्य से आता हूं। कृपया एक सेब और संतरे में तुलना न करें। असम को लेकर मेरे कुछ सपने हैं और मैं उन्हें पूरा करने जा रहा हूं।’

हिमंत ने खुलासा किया कि राहुल गांधी के साथ मीटिंग में ऐसा क्या हुआ जिसके बाद वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।

रजत शर्मा: मैंने सुना कि जब आप राहुल गांधी से मिलने गए तो उन्होंने आप से ज्यादा ध्यान अपने कुत्ते पर दिया।
हिमंत: ‘स्टोरी को थोड़ा सही करना होगा। राहुल गांधी हम लोगों को बुलाया ,मुझको नहीं बुलाया। किसको बुलाया? तरुण गोगोई को बुलाया। किसको बुलाया? सीपी जोशी को बुलाया, जो अभी राजस्थान विधानसभा के स्पीकर हैं। मुझको बुलाया और साथ में असम  के PCC अध्यक्ष अंजन दत्ता को बुलाया। हम रूम में गए। बातचीत शुरू हुआ। बातचीत शुरू होने के 5 मिनट बाद उनका कुत्ता आया, और जहां हमारे टेबल पर चाय और बिस्किट रखा था, उसी से कुत्ता भी खाने लगा। तब मैंने तीनों को देखा। तीनों आराम से खा रहे था उसी टेबल से। मैं तो पहली बार गया था। मुझे लगा कि उनके यहां कल्चर ही है कुत्ते के साथ खाने का। मैंने कहा उसमें तो मैं नहीं हो सकता हूं। मैं ऐसे नहीं खा सकता। इसलिए मैंने कहा कि अब दोबारा नहीं आऊंगा।’

रजत शर्मा: बाद में राहुल ने उसी कुत्ते के साथ एक वीडियो डाला?
हिमंत: हां, वही कुत्ता था।

रजत शर्मा: लेकिन जब उन्होंने वीडियो डाला तो कांग्रेस के लोगों ने लिखा कि ये कुत्ता ज्यादा वफादार निकला?
हिमंत: यह वफादारी का हिसाब कहां से आ गया? हम परिवार से वफादारी के लिए पार्टी थोड़े ही जॉइन करते हैं? वफादारी का मतलब क्या है? मुझे कोई तनख्वाह देते हैं क्या ये लोग? इसको थोड़ा सा डिमिस्टिफाई (demystify) रखिए। राहुल एक राजनीतिक दल में मेरे कुलीग थे। दूसरे लोगों ने उनसे कुछ उधार लिया होगा। वफादारी को लेकर कांग्रेस के लोगों के दिमाग में क्या है मुझे नहीं पता। मेरे लिए वफादारी किसी परिवार के लिए नहीं होती, वफादारी तो आपकी देश के लिए होती है। आज जो भी कांग्रेस बची है, महात्मा गांधी की वजह से बची है। आप नाम हाईजैक करके बैठे हैं। आज भी राहुल गांधी अपने नाम से गांधी हटा दें, सोनिया गांधी अपने नाम से गांधी काट दें, तो कांग्रेस कहां होगी? टाइटल हाईजैक किया गया है। कांग्रेस महामानव महात्मा गांधी की वजह से है, नहीं तो कहां कांग्रेस है। गांधी परिवार का संबंध महात्मा गांधी से नहीं है।’

असम के मुख्यमंत्री ने कहा: "देखिए, मैं राहुल गांधी को बचपन से जानता हूं और मैं कभी भी उनकी मेरिट से इंप्रेस नहीं हुआ। जब मैं कांग्रेस में था, तब मैं सोनिया गांधी से मिलने जाता रहता था, लेकिन कभी भी राहुल से नहीं मिलता था। मैं कभी भी उनके मेरिट, उनके कामों, उनके तर्कों और जनसेवा करने की उनकी क्षमता से प्रभावित नहीं हुआ। जिसने जिंदगी में कभी स्ट्रगल नहीं किया होता है, वह कभी भी भारत जैसे देश का नेता नहीं बन सकता है।"

असम में मदरसों को बंद करने के मुद्दे पर हिमंत ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि मुस्लिम युवा आधुनिक शिक्षा प्राप्त करें। हालांकि यह देखना उनके परिवारों की जिम्मेदारी है कि उन्हें क्या शिक्षा दी जा रही है, मैं मुस्लिम समुदाय के लिए एक प्रगतिशील इको-सिस्टम बनाने की कोशिश कर रहा हूं।'

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर असम के सीएम ने कहा, ‘मेरा ख्याल है कि अब से 15 से 20 साल के बाद हर मुस्लिम महिला वोटर बीजेपी को वोट देगी, क्योंकि हमने 'ट्रिपल तलाक' को खत्म कर दिया है और हम निश्चित रूप से बहुविवाह को भी खत्म कर देंगे। यहां तक कि पैगंबर मोहम्मद, जिन्हें मुसलमान अपना 'नबी' मानते हैं, एक विवाह के पक्ष में थे। बहुविवाह पर पैगंबर ने कहा था कि यह सिर्फ मौजूदा पत्नियों की सहमति से ही किया जा सकता है। हमारे संविधान में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हमें एक समान नागरिक संहिता लानी चाहिए, और हम इसे निश्चित रूप से लागू करेंगे।’

प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर हुए विवाद पर हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, 'गांधी परिवार नहीं चाहता कि परिवार के अलावा कोई और नए संसद भवन का उद्घाटन करे। सोनिया और राहुल गांधी इस तथ्य को कभी पचा नहीं पाए हैं कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। मैं 22 साल कांग्रेस में रहा। मुझे पता है कि गांधी परिवार ने कब और कैसे ज्ञानी जैल सिंह सहित पूर्व राष्ट्रपतियों का अपमान किया। अगर यूपीए शासन के दौरान नया संसद भवन तैयार होता तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी उद्घाटन करने की इजाजत नहीं दी जाती। उनके बजाय तथाकथित यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसका उद्घाटन किया होता। अगर कांग्रेस को एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति की इतनी ही चिंता होती, तो वह राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ यशवंत सिन्हा को मैदान में नहीं उतारती।'

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जब मैं कांग्रेस में था तब सोनिया गांधी से मेरे अच्छे संबंध थे। इस हद तक कि उन्होंने मुझे मिजोरम और मणिपुर चुनावों के दौरान पार्टी के लिए काम करने के लिए भेजा। मैंने पार्टी को सब कुछ दिया। समय आने पर मैं सोनिया जी के पास गया और उनका समर्थन मांगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मुझे बताइए, ऐसे रिश्ते का क्या मूल्य है?’

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