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तवांग झड़प के बाद वायुसेना का बड़ा युद्धाभ्यास शुरू, राफेल, सुखोई, तेजस दिखा रहे अपनी ताकत

इस युद्धाभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस इसकी योजना बना ली गई थी।

Edited By: Niraj Kumar
Published : Dec 15, 2022 07:56 am IST, Updated : Dec 15, 2022 10:47 am IST
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई/फाइल भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान

नई दिल्ली: चीन को तवांग के खदेड़ने के बाद अब आज से ईस्टर्न सेक्टर में एयरफोर्स ने एक बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है।  9 दिसंबर को हुई झड़प के बाद इस एक्सरसाइज को बहुत अहम माना जा रहा है। एयरफोर्स ने इस युद्धाभ्यास के लिए ईस्टर्न सेक्टर के अपने सभी एयरबेस को एक्टिव कर दिया है। असम के तीन और प. बंगाल के एक एयरबेस से एयरफोर्स यह एक्सरसाइज कर रही है। साथ ही अरुणाचल प्रदेश में बनी एयरस्ट्रिप का इस्तेमाल भी इस युद्धाभ्यास के लिए किया जा सकता है। इस अभ्यास में राफेल, सुखोई, मिराज के साथ-साथ तेजस भी हिस्सा ले रहा है। युद्धाभ्यास के दौरान मोर्चे पर फाइटर प्लेन और सर्विलांस प्लेन तैनात किए गये हैं साथ ही दुश्मन पर नज़र रखने वाले रडार भी एक्टिव हैं। 

सैन्य तैयारियों को परख रही है वायुसेना

सूत्रों ने कहा कि अभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है।  हालांकि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस युद्धाभ्यास की योजना बनाई गई थी और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। भारतीय वायुसेना के सुखोई-30एमकेआई और राफेल जेट समेत अग्रिम पंक्ति के विमान इसमें शामिल हैं।

सेना और वायुसेना अरुणाचल और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख विवाद के बाद से पिछले दो सालों से उच्च स्तरीय संचालनात्मक तैयारियों को बरकरार रखती आयी हैं। भारतीय वायुसेना ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय हिस्से में चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों के बाद अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया था। 

चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए एक्टिव हुई वायुसेना

सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में चीन द्वारा ड्रोन सहित कुछ हवाई प्लेटफार्म की तैनाती तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के लिए नौ दिसंबर को किये गये चीनी सेना के प्रयासों से पहले हुई थी। उन्होंने कहा कि चीनी ड्रोन एलएसी के काफी पास आ गये थे जिसके कारण भारतीय वायुसेना को अपने युद्धक विमान उतारने पड़े थे और समग्र युद्धक क्षमता को बढ़ाना पड़ा था। इस बीच एलएसी पर चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प का एक पुराना वीडियो कथित रूप से सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहा है। यह वीडियो नौ दिसंबर की घटना के संदर्भ में सामने आया। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह वीडियो पुराना है। 

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