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42 घंटे तक लिफ्ट में फंसे शख्स ने लिखा भावुक संदेश, "मेरे हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे थे"

शख्स ने बताया कि मैंने लिफ्ट का दरवाजा खोलने की कोशिश की। जब मैंने दरवाजा खोला तो मुझे सिर्फ दीवारें ही दिखाई दीं। मैं हताश होकर लिफ्ट की दीवार को टक्कर मारने लगा।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Jul 17, 2024 9:38 IST, Updated : Jul 17, 2024 9:38 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक शख्स बीते सप्ताहांत एक बड़े सरकारी अस्पताल की लिफ्ट में 42 घंटे तक फंसा रहा। 59 वर्षीय शख्स ने कहा कि उस दौरान उन्होंने अपने परिवार के लिए अंतिम संदेश लिखकर उसे बैग में रख लिया था। उलूर निवासी रवींद्रन नायर ने बताया कि लंबे वक्त तक बगैर पानी के लिफ्ट में फंसे रहने के दौरान उनके हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे थे। नायर शनिवार को अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग की ओर जा रहे थे, तभी लिफ्ट बीच रास्ते में बंद हो गई और वह वहीं फंस गए। उन्होंने बताया कि मैंने लिफ्ट से बाहर निकलने की हरसंभव कोशिश की।

"मुझे सिर्फ दीवारें ही दिखाई दीं"

नायर ने एक समाचार चैनल से कहा, "मैंने लिफ्ट का दरवाजा खोलने की कोशिश की। जब मैंने दरवाजा खोला तो मुझे सिर्फ दीवारें ही दिखाई दीं। मैं हताश होकर लिफ्ट की दीवार को टक्कर मारने लगा।" नायर ने बताया कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन की टॉर्च की मदद से एक संदेश लिखा। उन्होंने कहा, "मैं हिल-डुल नहीं पा रहा था, मेरे हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे थे।" उन्होंने समाचार चैनल से कहा, "मुझे चिंता थी कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरे बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी।" उन्होंने कहा, "मेरे पास पीने के लिए पानी नहीं था, लेकिन मेरे पास मेरी लिखी कुछ कविताएं थीं, जो मेरे बैग में रखी हुई थीं।"

"कर्मचारी भगवान का दूत लगा" 

नायर ने मीडिया को बताया कि जब लिफ्ट संचालक ने सोमवार को काम पर वापस आकर लिफ्ट के दरवाजे खोले तो उन्हें अस्पताल का वह कर्मचारी भगवान का दूत लगा। इस घटना को लेकर लोगों ने रोष जताया, जिसके बाद केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्थानीय ‘गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल’ के अधीक्षक को घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया। नायर शनिवार से सरकारी मेडिकल कॉलेज के ओपी ब्लॉक की लिफ्ट में फंसे हुए थे और जब ऑपरेटर सोमवार सुबह नियमित कामकाज के लिए लिफ्ट चालू करने आया तो उसने नायर को बाहर निकाला। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष और न्यायिक सदस्य के. बैजुनाथ ने अधीक्षक को 15 दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने और यह बताने का निर्देश दिया कि किसकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई।

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई 

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार को नायर से मुलाकात की। नायर का यहां एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। मंत्री ने मरीज और उनके परिवार को आश्वस्त किया कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जॉर्ज ने मरीज का हालचाल पूछा और डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति संतोषजनक है। नायर ने मंत्री का आभार जताया। जॉर्ज ने इस घटना के सामने आने के बाद तुरंत इसकी जांच के आदेश दिए थे। चिकित्सा शिक्षा निदेशक की अगुवाई में प्रारंभिक जांच के आधार पर अस्पताल के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी और फिर आगे कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)

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