
जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में बड़ा आतंकी हमला हुआ और इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों की मानें तो हमले को अंजाम पाकिस्तान के चार आतंकियों ने दिया। इनमें से तीन आतंकियों की पहचान हो गई है। इन आतंकियों ने पहलगाम में जिस तरह की बर्बरता दिखाई है, उससे पूरा देश गुस्से में है। आतंकियों ने सभी पर्यटकों को बैठाया और फिर पहले नाम पूछा, धर्म पूछा, कलमा पढ़वाया और फिर भी शक हुआ तो कन्फर्म करने के लिए आतंकियों ने कई टूरिस्टों के पैंट उतरवाए और कन्फर्म किया कि वो गैर मुस्लिम हैं या नहीं। इसके बाद सबको सिर झुकाने के लिए और फिर गोली मार दी। सबसे बड़ी बात है कि उन्होंने सिर्फ मर्दों की ही हत्या की है, औरतों और बच्चों को बख्श दिया है।
सिर्फ पुरुषों की हत्या क्यों की
हमलावरों ने कथित तौर पर सेना और पुलिस की वर्दी पहनकर इस कायराना हरकत को अंजाम दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। परिवार के सामने आतंकियों ने जिस तरह से पुरुष टूरिस्टों का कत्लेआम किया, उनका एक ही मकसद था खौफ फैलाना, उन्होंने पुरुषों की हत्या कर उनके बच्चों और महिलाओं को तड़पता हुआ छोड़ गए। आतंकियों की इस कायराना हरकत की जितनी आलोचना की जाए कम है।
पहलगाम को ही आतंकियों ने क्यों निशाना बनाया
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आतंकियों ने हमले के लिए आखिरकार पहलगाम जैसे टूरिस्ट स्पॉट को ही क्यों चुना? तो इसका जवाब ये है कि जम्मू-कश्मीर का पहलगाम इलाका जंगलों से घिरा हुआ है और काफी ऊंचाई पर है। जिस इलाके में आतंकी हमला हुआ है, वहां पर वाहन भी नहीं जाते हैं। वहां पर्यटक खच्चर के जरिए ही पहुंचते हैं, इसे ट्रैक वाला इलाका माना जाता है।
पहलगाम एक ऐसी जगह है जहां दूसरे क्षेत्रों की तुलना में कम सिक्योरिटी रहती है। दूसरी बात ये कि ये टूरिस्ट प्लेस है और पहलगाम में कभी ऐसा हमला भी नहीं हुआ, तो यहां ज्यादा पुलिस या सुरक्षाबलों की मौजूदगी होती नहीं है। यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है, ऐसे में आतंकी इन्हीं जंगलों से आए और कत्लेआम मचाकर फिर जंगलों में भाग गए। आतंकियों ने पहले से पूरे इलाके की रेकी की थी और जब मौका मिला तो इस घटना को अंजाम दिया।
25 साल में कब कब हुए आतंकी हमले
- 21 मार्च 2000 की रात को अनंतनाग जिले में आतंकियों ने टूरिस्टों पर हमला किया, जिसमें 36 लोगों की जान चली गई।
- अगस्त 2000 में पहलगाम के नुनवान बेस कैंप हुए आतंकी हमले में 32 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
- जुलाई 2001 में अमरनाथ के शेषनाग बेस कैंप में हमला कर आतंकियों ने 13 लोगों की हत्या की थी।
- जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में राज्य विधानमंडल परिसर में हमला कर आतंकियों ने 36 लोगों की जान ले ली थी।
- 2002 में कश्मीर के चंदनवारी बेस कैंप पर हुए आतंकी हमले में 11 यात्री मारे गए थे ।
- 23 नवंबर 2002 को जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर हुए आतंकी हमले में 19 लोगों की जान चली गई थी।
- 23 मार्च 2003 को पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में आतंकियों ने 24 लोगों की हत्या कर दी थी।
- 13 जून 2005 को आतंकियों ने पुलवामा में हमला किया था जिसमें 13 लोग मारे गए थे।
- 12 जून 2006 को आतंकियों ने कश्मीर के कुलगाम में हमला किया था जिसमें नौ लोग मारे गए।
- 10 जुलाई 2017 को कश्मीर के कुलगाम में आतंकी हमला हुआ था जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
- 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली।