Monday, April 29, 2024
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Rajat Sharma's Blog: DMK सांसद की ‘गोमूत्र राज्य’ टिप्पणी निंदाजनक

DMK के नेताओं को अगर ये लगता है कि सनातन का अपमान करके, गौमाता का मजाक उड़ाकर, वो गीता और गायत्री के देश में पनप पाएंगे तो वो गलतफहमी में हैं।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: December 06, 2023 18:03 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों के चयन में व्यस्त है, वहीं ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और कुछ विरोधी पार्टियां इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। कांग्रेस ने इस जीत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि EVM में गड़बड़ी हुई है। रविवार को अपनी हार स्वीकार करने वाले कमलनाथ ने भी पैंतरा बदला। भोपाल में सभी विजयी और पराजित उम्मीदवारों के साथ बैठक के बाद कमलनाथ ने आरोप लगाया कि चुनाव में हेराफेरी हुई है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के नेताओं को हिदायत दी कि हार को स्वीकार नहीं करना है, इस हार के लिए EVM को जिम्मेदार ठहराना है। लेकिन बीजेपी की जीत पर सबसे गिरा हुआ बयान दिया DMK के सांसद सेंथिल कुमार ने। संसद में एक बहस के दौरान सेंथिल कुमार ने कहा कि बीजेपी जिन राज्यों में चुनाव जीती है, वो ‘गोमूत्र राज्य’ हैं। सेंथिल कुमार के बयान पर चारों तरफ से तीखे हमले हुए। बीजेपी ने इसे सनातन का अपमान कहा। केंद्र सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि जनता DMK और कांग्रेस को गौमाता का अपमान करने के लिए सबक सिखाएगी। जब बात हाथ से निकलने लगी तो कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने सेंथिल कुमार से अपना बयान वापस लेने को कहा।

पहले देखें कि सेंथिल कुमार ने क्या कहा। उन्होंने कहा, ‘इस देश के लोगों को सोचना चाहिए कि बीजेपी की एक ही ताकत है चुनाव जीतना और वह भी ख़ास तौर से हिंदी पट्टी के राज्यों में, जिनको हम गोमूत्र राज्य कहते हैं। वो दक्षिण में नहीं जीत सकते हैं। आप देखिए कि दक्षिण के सारे राज्यों, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और कर्नाटक के नतीजे क्या रहे हैं। तो हम वहां बहुत मज़बूत हैं। ऐसे में हमें हैरानी नहीं होगी अगर आप इन सभी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना देंगे और पर्दे के पीछे से वहां राज करेंगे। क्योंकि इसके अलावा आप वहां पर पांव जमाने और इन सभी राज्यों पर नियंत्रण करने का सपना भी नहीं देख सकते हैं।’ DMK सांसद सेंथिल कुमार का ये बयान बेहद आपत्तिजनक है। वो संसद में खड़े होकर मतादाताओं के फ़ैसले पर सवाल उठा रहे थे, जनता की राय का अपमान कर रहे थे। हैरानी तो तब हुई जब सदन से बाहर आकर कुछ नेता उनका समर्थन करने लगे। तमिलनाडु की पार्टी MDMK के नेता वायको ने कहा कि सेंथिल कुमार ने जो कुछ कहा, वो उससे शत प्रतिशत-सहमत हैं। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि “बीजेपी की पहचान ही यही है, बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर वोट लेती है,  उनके हिंदुत्व में गोमूत्र भी शामिल है।”

DMK के नेता पहले भी सनातन धर्म के ख़िलाफ़ बयान दे चुके हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने भी सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू कहा था। बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि INDIA गठबंधन तो हिंदू विरोधी है ही, लेकिन जनता सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी, सनातन विरोधी दलों को सबक़ ज़रूर सिखाएगी। दो दिन पहले ही चुनाव के नतीजे आए हैं। इनमें से तीन में कांग्रेस की हार हुई। कांग्रेस को पता है कि इन चुनावों में बीजेपी ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को, सनातन के अपमान को बड़ा मुद्दा बनाया। इसका असर चुनाव के नतीजों पर भी पड़ा। इसलिए जैसे ही सेंथिल कुमार का बयान आया, कांग्रेस के नेताओं ने उसकी निंदा करनी शुरू कर दी। तमिलनाडु से ही कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने सेंथिल कुमार के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, असंसदीय और अपमानजनक बताया। कहा, उन्हें फौरन अपने शब्द वापिस लेने चाहिए। कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि गौमाता को इस देश के एक अरब लोग पूजते हैं, डीएमके को समझना होगा कि ऐसे बेतुके बयान से सहयोगियों को नुक़सान होता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस गौमाता की पूजा करती है और वो ऐसे बयानों का बिल्कुल समर्थन नहीं करते। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तीन राज्यों के चुनाव में हारकर, सनातन के अपमान की क़ीमत चुकाई है। अब अगले चुनाव में जनता इससे भी कड़ा सबक़ सिखाएगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि DMK नेता ऐसे बयान कांग्रेस के इशारे पर दे रहे हैं और ये देश गाय, गीता और गंगा का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। शाम को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अपने सांसद से कहा कि वह अपने शब्द वापिस लें। सेंथिल कुमार ने कहा कि वो तो पहले भी उत्तर के राज्यों के बारे में ऐसा कह चुके हैं, सदन के रिकॉर्ड में उनका बयान है लेकिन, अगर किसी को ऐतराज़ है, तो वो आगे से सावधान रहेंगे।  ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल नहीं करेंगे, जिससे किसी की भावना को चोट पहुंचे। जिस देश में गौमाता की पूजा की जाती है, जहां गाय से हिंदू समाज की भावनाएं जुड़ी हैं, वहां गौमाता का अपमान करना निंदनीय और शर्मनाक है। चुनाव में हार-जीत होती रहती है पर बीजेपी की जीत वाले राज्यों को गोमूत्र स्टेट कहना एक विकृत मानसिकता का परिचायक है। चुनाव में हार जीत होती रहती है, लेकिन इसे नॉर्थ-साउथ में बांटकर कहना एक खतरनाक प्रवृत्ति है। DMK के नेताओं को अगर ये लगता है कि सनातन का अपमान करके, गौमाता का मजाक उड़ाकर, वो गीता और गायत्री के देश में पनप पाएंगे तो वो गलतफहमी में हैं। दक्षिण भारत में भी मंदिर हैं, वहां भी सनातन को मानने वाले लोग हैं, वहां भी गौमाता का सम्मान किया जाता है बल्कि मैं तो कहूंगा कि दक्षिण के मंदिरों में कर्मकांड और पूजा के विधि-विधान का बेहतर स्वरूप देखने को मिलता है। इसीलिए ऐसे ज़हर भरे बयान नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। ये तो अच्छा हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने समय रहते इन बयानों से किनारा कर लिया, DMK का साथ नहीं दिया लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी की जीत को EVM की गड़बड़ी बताकर अपनी हताशा जाहिर कर दी।

EVM में हेराफेरी का आरोप  

कांग्रेस ने मंगलवार को भोपाल में अपनी हार का विश्लेषण करने के लिए विधायकों, हारे हुए उम्मीदवारों और सीनियर नेताओं की बैठक बुलाई थी। हारे हुए उम्मीदवारों से कहा गया कि वे हार के कारण बताएं। हर नेता अपनी अलग अलग रिपोर्ट बनाकर दे लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हार की वजह बता दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी  EVM में गड़बड़ियों की वजह से हारी, EVM से छेड़खानी की गई, कांग्रेस के वोट घटाए गए, बीजेपी के वोट बढ़ाए गए और नतीजा कांग्रेस के ख़िलाफ़ रहा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पोस्टल बैलट में कांग्रेस जीती, EVM में बटन कांग्रेस के निशान के पास दबा और जीत गई बीजेपी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि EVM में चिप लगी होती है, उनको हैक किया जा सकता है इसीलिए उनको EVM पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। मीटिंग के बाद  कमलनाथ खुलकर नहीं बोले। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि क्या हुआ, एक्जिट पोल भी तय थे और नतीजे भी।

कमलनाथ ने सवाल उठाया कि 10 घंटे चलने के बावजूद ईवीएम गिनती वाले दिन 99 परसेंट कैसे चार्ज्ड नज़र आई। कमलनाथ ने सवाल किया कि एक विधायक को अपने ही गांव में 5 वोट भी नहीं मिले, ये कैसे हो सकता है? कांग्रेस को हराया गया है, EVM के जरिए साजिश हुई है, अब EVM के इस्तेमाल का विरोध होना चाहिए। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि बीजेपी ने बहुत चतुराई से, एक रणनीति के तहत काम किया, इसीलिए, सारी EVM से छेड़-छाड़ नहीं की। बरैया ने कहा कि बीजेपी ने कुछ सीटों पर विपक्ष को भी जिता दिया, तेलंगाना में कांग्रेस को जिता दिया, जिससे कोई EVM पर सवाल उठाए, तो कह दें कि EVM हैक हुई, तो तेलंगाना में कांग्रेस कैसे जीत गई? दिलचस्प बात ये है कि नतीजे आने के एक दिन बाद खुद कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि उनका वोट बैंक इंटैक्ट है। चारों राज्यों को मिला दें तो कांग्रेस को बीजेपी से ज़्यादा वोट मिले हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने तो ट्वीट करके बताया कि कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर में कोई ख़ास अंतर नहीं है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आंकड़े भी गिना दिए कि कांग्रेस को BJP से दस लाख वोट ज़्यादा मिले।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूछा कि EVM में गड़बड़ी थी, तो कमलनाथ के छिंदवाड़ा में कांग्रेस सातों सीट कैसे जीत गई। दिग्विजय सिंह का ये कहना कि EVM में कांग्रेस निशान का बटन दबा, पर वोट बीजेपी को पड़ा, उनकी हताशा दिखाता है। इसे कहते हैं- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। शिवराज सिंह ने सही सवाल पूछा। अगर EVM में गड़बड़ी थी तो कमलनाथ के इलाके में कांग्रेस सातों सीटें कैसे जीत गईं, कोई पूछे क्या तेलंगाना में कांग्रेस EVM में गड़बड़ी करके जीती है? कुछ महीने पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत क्या EVM में हेराफेरी करके हुई थी? अपनी हार को स्वीकार न करना दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की पुरानी आदत है। कांग्रेस जब तक अपनी हार के कारण का ईमानदारी से आत्मविश्लेषण नहीं करेगी, तब तक वो समझ ही नहीं पाएगी कि इन राज्यों में जनता ने कांग्रेस को वोट क्यों नहीं दिया। कांग्रेस को इस बात पर विचार करना चाहिए कि लोगों ने उनके वादों पर भरोसा क्यों नहीं किया और मोदी की गारंटी पर विश्वास क्यों किया। अगर इस बात को नहीं समझे, तो आगे भी कुछ नहीं कर पाएंगे और कांग्रेस का आकार और छोटा होता जाएगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 दिसंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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