Thursday, May 02, 2024
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Rajat Sharma’s Blog | नूंह : सोशल मीडिया पर वायरल अफवाहों से कैसे आग फैली

जहां तक पुलिस एक्शन पर उठे सवालों की बात है, उस दिन नूंह में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट आबिद हुसैन की तरफ से दर्ज FIR की कॉपी है जिसमें लिखा है कि दंगाइयों की भीड़ ने अचानक हमला किया।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Published on: August 04, 2023 17:07 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

हरियाणा के नूंह में लगी आग चाहे ठंडी हो चुकी हो लेकिन अब पुलिस एक्शन पर सवाल उठा कर फिर से आग में पेट्रोल डालने का काम शुरू हो गया है। आज कई नए वीडियो सामने आए। एक तरफ पुलिस वीडियो फुटेज से एक-एक चेहरा पहचान रही है, वेरिफाई कर रही है, इसके आधार पर आग लगाने वालों को, पुलिस पर हमला करने वालों को पकड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ पुलिस एक्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई को भी मजहबी नजर से देखा जा रहा है। मेवात इलाके से कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद समेत कई नेताओं ने इल्जाम लगाया कि पुलिस सिर्फ मुसलमानों को पकड़ रही है, बेगुनाहों को पकड़ कर जेल में डाला जा रहा है, नूंह में हिंसा के बहाने मुसलमानों पर जुल्म किया जा रहा है। अपने अपने इल्जाम को सही साबित करने के लिए दोनों तरफ से वीडियोज भी जारी किए गए हैं।

एक वीडियो ऐसा है जिसमें हिन्दू पक्ष के लोग फायरिंग करते दिख रहे हैं। इस वीडियो को दिखाकर कहा जा रहा है कि फायरिंग तो दोनों तरफ से हुई। पत्थर तो दोनों तरफ से चले, हमला दोनों तरफ से हुआ तो फिर गिरफ्तारी सिर्फ मुसलमानों की क्यों हो रही है? आज एक ऐसा वीडियो भी सामने आया जिसमें मंदिर में छिपे हिंदू श्रद्धालुओं पर गोलियां चलते दिखाई दे रही हैं, पहाड़ियों से फायरिंग की गई। ये सबूत है इस बात का कि भाग कर मंदिर में छुपे लोगों को जान से मारने की कोशिश की गई। एक और वीडियो सामने आया जिसमें एक बहादुर महिला पुलिस अफसर ADG ममता सिंह श्रद्धालुओं को कवर देकर बाहर निकालते दिखाई दे रही हैं। वीडियो में दिखा कि कैसे  ममता सिंह ने रात के अंधेरे में खेतों के रास्ते से लोगों को बचा कर निकाला।

एक वीडियो मोनू मानेसर का भी है, जिसमें वह कह रहा है कि उसने किसी के खिलाफ कुछ नहीं कहा। बड़ी बात ये है कि दोनों पक्ष ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि फायरिंग दूसरी तरफ से की गई। ये बात तो सही है कि हिंसा में हिन्दू और मुस्लिम दोनों मरे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि नूंह के दंगे में नाम देखकर, पहचान कर के लोगों को मारा गया। एक लड़का मुस्लिम हलवाई की दुकान पर सालों से काम कर रहा था, उसका हिंसा से कोई लेना देना नहीं था लेकिन उसे सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो हिन्दू था। इसी तरह नीरज नाम के युवक की हत्या की गई। नाम से वो हिन्दू लगा लेकिन आज पता चला कि वो असल में नीरज खान था। मुस्लिम था। आज उसे सुपुर्दे खाक किया गया। उसकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि दंगाइयों ने उसे हिन्दू समझ लिया था।

जहां तक पुलिस एक्शन पर उठे सवालों की बात है, उस दिन नूंह में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट आबिद हुसैन की तरफ से दर्ज FIR की कॉपी है। उस FIR में आबिद हुसैन ने यहां तक लिखा है कि दंगाइयों की भीड़ ने अचानक हमला किया, पुलिस पर फायरिंग की, फिर नूंह शहर के राम मंदिर में लोगों को घेर कर होस्टेज बना दिया गया। चारों तरफ से फायरिंग की गई। नूंह के दंगे में ये भी दिखाई दिया कि कैसे हिंदू और मुसलमान एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे लेकिन इस खौफनाक दास्तान का एक और पक्ष भी है जो आपको और कोई नहीं बताएगा। नूंह में 80 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है। यहां एक हिंदू परिवार को एक मुस्लिम परिवार ने बचाया, अपने घर में उन्हें पनाह दी और परिवार के मुस्लिम नौजवान घर के बाहर पहरा देने लगे। इसी दौरान पत्थरों की चोट से घायल एक पुलिसवाले को भी उन्होंने अपने घर में छिपाया। और ये कोई अकेली घटना नहीं हैं।

नूंह में ऐसे कई मुस्लिम परिवार हैं जिन्होंने हिंदुओं को बचाया। इसी तरह गुरुग्राम में जहां हिंदुओं की आबादी ज्यादा है, कई हिंदू परिवार ऐसे हैं जिन्होंने मुसलमानों को अपने घर में शरण दी। कई हिंदू नौजवानों ने मुसलमानों की दुकानों को जलने से बचाया, अपनी जान की परवाह नहीं की। इसीलिए दंगों और मार-काट की बात करते समय, इंसानियत को, एक दूसरे की रक्षा करने वाले फरिश्तों को भी नहीं भूलना चाहिए। सबसे बड़ी बात ये है कि इस सारे झगड़े की जड़ में सोशल मीडिया पर वायरल किए गए वीडियो हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई गई समाजविरोधी अफवाहें हैं। इनकी वजह से भावनाएं भड़कीं और फिर साजिश हुई, आग लगी और नफरत की आग इतनी फैल गई कि उसपर काबू पाना मुश्किल हो गया। सोशल मीडिया पर मुसलमानों को ये दिखाकर भड़काया गया कि मोनू मानेसर शोभायात्रा में आएगा, उससे बदला लेना है, उसने धमकी दी है लेकिन इसमें आधा सच और आधा झूठ था।

सोशल मीडिया के जरिए मुसलमानों को ये कहकर भड़काया गया कि शोभा यात्रा में हथियार लाए जाएंगे, मुसलमानों पर हमला होगा। आज भी इन्हीं बातों को हवा दी जा रही है। अगर ये अफवाहें इतनी तेजी से न फैली होती तो शायद हालात इतने नहीं बिगड़ते। आज जो वीडियो मैंने आपको ‘आज की बात’ में दिखाए हैं वो इसी का सबूत हैं। मेरा तो आपसे यही कहना है कि कहीं भी, कभी भी, वायरल होने वाले वीडियो पर आंख बंद करके भरोसा ना करें, भड़काने वालों की बातों में न आएं। उन हिंदू और मुस्लिम परिवारों से सीखें, जिन्होंने खतरा मोल कर दूसरे धर्म के, दूसरे मजहब के लोगों को पनाह दी, उन्हें बचाया। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 03 अगस्त, 2023 का पूरा एपिसोड

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