Thursday, March 28, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: ​2024 लोकसभा चुनाव के लिए मोदी की रणनीति

मोदी जनता के सामने यह प्रोजेक्ट करना चाहते हैं कि एक तरफ हाथ मिलाने वाले भ्रष्ट राजनेता हैं और दूसरी तरफ वह भ्रष्टाचारियों पर प्रहार कर रहे हैं। मोदी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि जब वह सत्ता में थे तो कांग्रेस ने उन्हें जेल में डालने की कोशिश की थी।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Updated on: March 30, 2023 6:07 IST
Rajat Sharma - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की रूपरेखा तय कर दी है। मंगलवार को अपनी चुनावी रणनीति का परोक्ष रूप से संकेत देते हुए उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का कदम नहीं रुकेगा । मोदी ने कहा, सभी भ्रष्ट नेताओं और पार्टियों ने अब हाथ मिला लिया है। अब साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का अभियान अगले साल तक जारी रहेगा । मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने कुछ भ्रष्ट नेताओं की जड़ें हिला दी हैं । मोदी जनता के सामने यह प्रोजेक्ट करना चाहते हैं कि एक तरफ हाथ मिलाने वाले भ्रष्ट राजनेता हैं और दूसरी तरफ मोदी भ्रष्टाचारियों पर प्रहार कर रहे हैं । मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि जब वह सत्ता में थे तो कांग्रेस ने उन्हें जेल में डालने के लिए क्या क्या कोशिशें की थी । विपक्ष ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में  जो आरोप लगाए थे, उसी पर मोदी की यह प्रतिक्रिया थी। अब 2024 की लड़ाई के लिए रेखा स्पष्ट रूप से खींची जा चुकी है । भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा रहेगा । मोदी को किसी भी विपक्षी मोर्चे की परवाह नहीं है ।

कर्नाटक में आरक्षण नीति में बदलाव के मायने

कर्नाटक में भाजपा सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया है । मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा में शामिल कर दिया गया है। इस कोटा में जैन और ब्राह्मण समुदायों के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है । 4 प्रतिशत मुस्लिम कोटा अब समान रूप से विभाजित किया गया है, लिंगायतों को 2 फीसदी और वोक्कालिगा कोटा में 2 फीसदी जोड़ा गया, जिससे उनका कोटा क्रमशः 5 फीसदी और 7 फीसदी हो गया । बंजारा, वोक्कालिगा और मुस्लिम समुदायों ने इस फैसले के खिलाफ राज्य में कई जगह विरोध प्रदर्शन किया है ।  कर्नाटक में लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों का वर्चस्व है ।  राज्य में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। लिंगायत मतदाता लगभग 100 विधानसभा सीटों की किस्मत का फैसला करते हैं, जबकि वोक्कालिगा 61 सीटों पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करते हैं । भाजपा को इस फैसले से राजनीतिक लाभ मिल सकता है क्योंकि उसके नेता जानते हैं कि कर्नाटक में मुस्लिम मतदाता पार्टी को कतई वोट नहीं देंगे । भले ही मुस्लिम वोटर नाखुश हों, लेकिन वे बीजेपी की चुनावी संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकते । दूसरी ओर, कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को नाखुश करने का जोखिम नहीं उठा सकती । यही वजह है कि कांग्रेस आरक्षण नीति में बदलाव का खुलकर विरोध कर रही है । इन विरोधों के कारण लिंगायत और वोक्कालिगा मतदाताओं के बीच कांग्रेस को नुकसान हो सकता है, लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं है । एक तरफ कुआं है, तो दूसरी तरफ खाई ।  

माफिया का सफाया, प्रगति की ओर बढ़ रहा यूपी 

यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण मामले में मंगलवार को दो अन्य लोगों के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई । इसके तुरंत बाद, अतीक को फिर से प्रयागराज से गुजरात की साबरमती जेल तक सड़क मार्ग से वाहनों के काफिले में ले जाया गया । 44 साल में पहली बार, अतीक अहमद को एक अदालत ने सजा सुनाई । अभी सौ से अधिक अन्य मामले लंबित हैं । अतीत में अतीक को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा था और उसका गिरोह गवाहों को चुप कराने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल कर रहा था ।  1,270 किलोमीटर दूर गुजरात की जेल में बैठा एक गैंगस्टर उमेश पाल जैसे प्रमुख गवाह को दिन दहाड़े मारने की योजना बनाए और उसे अंजाम दे, ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था । अतीक को सजा सुनाए जाने के बाद आम जनता का अदालतों और पुलिस पर विश्वास फिर से कायम हुआ है । अब अतीक  के खिलाफ गवाही देने के लिए  कई और गवाह सामने आ सकते हैं । योगी आदित्यनाथ के छह साल के  शासन के दौरान, अतीक और उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने ज़बरदस्त कार्रवाई की । उनकी संपत्तियों को कुर्क किया गया, ध्वस्त किया गया और गिरोह के नेटवर्क को तोड़ दिया गया। अतीक अहमद अब दहशत के माहौल में जी रहा है । मेरा मानना है कि एक क्रिमिनल डॉन के मन में इस तरह का खौफ होना जरूरी है । इसका श्रेय योगी को जाता है जिन्होंने अपराधियों के मन में डर पैदा कर दिया । यूपी में आए इस बड़े बदलाव की वजह से आज महिलाएं घर से बाहर निकलने से नहीं डरती और लोग चैन की जिंदगी जी रहे हैं । निवेशक अब यूपी में उद्योग लगाने के लिए पैसा लगाने को तैयार हैं । मैं आज कुछ बैंकरों से मिला । उन्होंने मुझे बताया कि बदले हुए माहौल के कारण एमएसएमई (मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम) क्षेत्र में बड़ा विस्तार हुआ है । एक बिजली वितरण कंपनी के कुछ अधिकारियों ने मुझे बताया कि उनके कर्मचारियों को अब इलाकों में जाकर बिजली चोरी के मामलों की जांच करने में कोई डर नहीं है । उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अगर प्रगति की ओर अग्रसर होना चाहता है, तो सुरक्षा की ऐसी गारंटी आवश्यक है ।

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड

 

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