Thursday, May 09, 2024
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यूक्रेन में फंसी छात्रा बोली, 'अब जिंदगी का कोई भरोसा नहीं', मां ने PM को चिट्ठी लिख लगाई गुहार

प्रियल भानुशाली युक्रेन के ओडेसा में मेडिकल की छठवीं साल की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में बताया है कि, यूक्रेन में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। मेरे दोस्तों की तरफ से लगातार जानकारी मिल रही है कि धमाके हो रहे हैं। यहां इमारतों पर भी हमले हो रहे हैं। कोई नहीं देख रहा है कि कौन भारतीय है या नहीं। सिर्फ हमले हो रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 26, 2022 18:29 IST
girl trapped in Ukraine - India TV Hindi
Image Source : IANS girl trapped in Ukraine

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच जंग के तीसरे दिन भारतीय छात्र लगातार वतन लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं। वहीं भारत में माता पिता लगातार बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे हैं। मुंबई में एक भारतीय छात्र की मां काजल भानुशाली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख उनके बच्चे को बाहर निकालने की गुहार लगाई है। काजल भानुशाली की बेटी प्रियल भानुशाली यूक्रेन के ओडेसा में मेडिकल की छठवीं साल की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में बताया है कि, यूक्रेन में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। मेरे दोस्तों की तरफ से लगातार जानकारी मिल रही है कि धमाके हो रहे हैं। यहां इमारतों पर भी हमले हो रहे हैं। कोई नहीं देख रहा है कि कौन भारतीय है या नहीं। सिर्फ हमले हो रहे हैं।

हम तीन दिन से नहीं सोए क्योंकि यहां अलार्म बजते हैं और हम बंकर में आ जाते हैं। भारतीय दूतावास से जब भी संपर्क करते हैं वो यही कहते हैं कि हम कुछ करते हैं। भारतीय अधिकारी रोमानिया, हंगरी में मौजूद हैं, लेकिन हम ओडेसा पोर्ट की तरफ है। यहां से बॉर्डर बहुत दूर हैं। उन्होंने रोते हुए आगे कहा कि, जिंदगी का अब कोई भरोसा नहीं है, हमें यहां से निकालो, एयरलिफ्ट करो, कॉन्वॉय भेजो लेकिन हमें यहां से निकालो।

अपनी बेटी की वीडियो देख प्रियल की मां काजल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख सभी माताओं की ओर से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को जल्द निकाला जाए। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि, मैं यूक्रेन में फंसे सभी घबराए हुए बच्चों की सभी भयभीत माताओं का प्रतिनिधित्व कर रही हूं। मेरी बेटी और उसके सहपाठी सभी यूक्रेन के ओडेसा शहर में फंस गए हैं। स्पेन, पोलैंड, हंगरी आदि की सीमा पर आपके द्वारा शुरू की गई निकासी प्रक्रिया की मैं सराहना करती हूं, लेकिन हमारे बच्चे इन गोलाबारी और हमलों के बीच सड़क मार्ग से 15-16 घंटे की यात्रा करके उन सीमाओं तक नहीं पहुंच सकते हैं।

उनकी सुरक्षा के लिए अभी हम जो एकमात्र विकल्प देखते हैं, वह है मोल्दोवा के क्षेत्र में निकासी जो ओडेसा सीमा के सबसे निकट है। सभी घबराए हुए माता-पिता की ओर से मैं भारत सरकार से मोल्दोवा के माध्यम से निकासी की दिशा में त्वरित कार्रवाई के लिए अनुरोध करती हूं, या कृपया इन सभी बच्चों को ओडेसा से स्थानांतरित करने के लिए कुछ ठोस व्यवस्था करें।

दरअसल भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सरकार ने एयर इंडिया की दो फ्लाइट भेजी हैं, जिनमें छात्रों को वापस लाया जा रहा है। एक फ्लाइट मुंबई और एक दिल्ली पहुंचेगी, हालांकि जानकारी के अनुसार मुंबई आने वाली फ्लाइट यूक्रेन से छात्रों को लेकर निकल चुकी है।

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