Saturday, April 27, 2024
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TU-160 बॉम्बर से चीन को देंगे जवाब, रूस से इसे खरीदने की योजना बना रहा भारत

Russian TU-160: यह बॉम्बर इतना खतरनाक है कि इसकी पहली उड़ान से ही अमेरिका परेशान हो गया था। टुपोलेव टीयू-160 की टॉप स्पीड 2 हजार 220 किलोमीटर प्रति घंटा है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: August 15, 2022 11:19 IST
TU-160- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV TU-160

Highlights

  • टू फ्रंट वॉर में निभा सकता है बड़ी भूमिका
  • भारत को इसलिए पड़ रही टीयू-160 खरीदने की जरूरत
  • यह विमान 1 लाख 10000 किलोग्राम के कुल वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम

Russian TU-160: चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को सबक सिखाने के लिए हमारी सेना हमेशा तैयार रहती है। समय समय पर हमारे जंगी बेड़े में कई हथियार, मिसाइलें शामिल होती हैं। इसी कड़ी में भारत अपनी सामरिक शक्ति बढ़ाने के लिए रूस से खतरनाक टीयू-160 बॉम्बर को खरीदने की योजना बना रहा है। यह बॉम्बर इतना खतरनाक है कि इसकी पहली उड़ान से ही अमेरिका परेशान हो गया था। टुपोलेव टीयू-160 की टॉप स्पीड 2 हजार 220 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 1 लाख 10000 किलोग्राम के कुल वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम रहता है। इसके पंखों का जो फैलाव है, वह 56 मीटर है। इस जंगी विमान ने 16 दिसंबर 1981 को पहली बार उड़ान भरी थी। रूसी सेना में इस समय 17 टीयू-160 स्ट्रैटजिक बॉम्बर हैं। इन्हें अपडेट किया जा रहा है। 2015 में रूसी स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की घटती फ्लीट को देखते हुए टीयू-160 को अपग्रेड कर दोबारा सर्विस में शामिल कर लिया गया।

कुछ दिनों पहले पूर्व एयरचीफ मार्शल अनूप राहा ने भारत के स्ट्रैटेजिक खरीदने की ओर एक कार्यक्रम में इशारा किया। उन्होंने डिफेंस एनालिस्ट भरत कर्नाड के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत रूस के टीयू-160 बॉम्बर में दिलचस्पी ले रहा है। वहीं भारत और रूस के घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस स्ट्रेटेजिक बॉम्बर को भारतीय वायुसेना को बेच सकते हैं।हालांकि भारत सरकार या वायुसेना की ओर से आधिकारिक टिप्पणी इस पर नहीं की गई है।

भारत को इसलिए पड़ रही टीयू-160 खरीदने की जरूरत

रूस का टीयू-160 स्ट्रैटजिक बॉम्बर अपने बेस से हजारों किमी दूर तक दुश्मन के इलाके में उड़ान भरने के बाद हमला कर सकता है। इन बॉम्बर को लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों व एटम बम भी दागने में महारथ हासिल है। यह ​जंगी विमान दुश्मन के दूर बने ठिकाने को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है। इसे आमतौर पर रिफ्यूलिंग की भी जरूरत नहीं पड़ती है। 

टू फ्रंट वॉर में निभा सकता है बड़ी भूमिका 

हमारा देश एक ओर पाकिस्तान तो दूसरी ओर चीन, दोनों  ओर से दुश्मनों से घिरा हुआ है। ऐसे में यदि दोनों मोर्चों पर युद्ध शुरू हो जाए तो हमारे पास अपनी सेना की ताकत को बांटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होगा। ऐसे मं यह टीयू 160 बॉम्बर बेहद अहम भूमिका निभा सकता है। यह बॉम्बर चीन और पाकिस्तान में अंदर घुसकर दुश्मन के सैन्य ठिकाने, हवाई अड्डों व समुद्र के गश्त करने वाले जंगी जहाज या एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह कर सकता है। य​ह बॉम्बर भारी भरकम मिसाइल व परमाणु बम को भी अपने साथ ले जाने में सक्षम है। 

कितना अपग्रेड किया गया है टीयू-160 

टीयू 160 को बनाने वाली कंपनी युनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (यूएसी) इस बात का दावा करती है कि इस विमान के 80 फीसदी सिस्टम को अपग्रेड किया जा चुका है। यूएसी के जनरल डायरेक्टर यूरी स्लीसार ने बताया कि टीयू -160 विमानन उद्योग में सबसे बड़ी और सबसे उच्च तकनीक वाली परियोजनाओं में से एक है। जनवरी 2018 में कजान प्लांट में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में 10 नए Tu-160M को बनाने के औपचारिक आदेश पर हस्ताक्षर किया गया था।

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