Thursday, April 18, 2024
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Year Ender 2022: एक वर्ष में काफी मजबूत हुई भारतीय सेना, इन युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने दुश्मनों की बढ़ाई चिंता

Indian Army strength in 2022: भारतीय सेना के लिए वर्ष 2022 उसके किले को और अधिक मजबूती देने वाला साबित हुआ है। इस एक वर्ष के दौरान भारतीय सेना के बेड़े में कई ऐसे युद्धपोत से लेकर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और मिसाइलें व लेजर गाइडेड रॉकेट शामिल हुए, जिसने सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 19, 2022 21:01 IST
इंडियन आर्मी- India TV Hindi
Image Source : PTI इंडियन आर्मी

Indian Army strength in 2022: भारतीय सेना के लिए वर्ष 2022 उसके किले को और अधिक मजबूती देने वाला साबित हुआ है। इस एक वर्ष के दौरान भारतीय सेना के बेड़े में कई ऐसे युद्धपोत से लेकर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और मिसाइलें व लेजर गाइडेड रॉकेट शामिल हुए, जिसने सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सेना की ताकत में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इस दौरान भारत का रक्षा बजट भी दोगुना हो चुका है।

वर्ष 2022 के दौरान भारत के पास राफेल लड़ाकू विमानों की पूरी खेप आ गई। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि थी। इसके अलावा अपाचे व प्रचंड स्वदेशी लाइट कम्बैट हेलीकॉप्टर भी वायुसेना में शामिल हुए। इससे वायुसेना की हमलावर क्षमता कई गुना बढ़ गई है। इसी तरह इंडियन नेवी को आइएनएस विक्रांत, आइएनएस विक्रमादित्या, आइएनएस उदयगिरी और मोर्मुगाओ जैसे युद्ध पोत मिले, जिनमें परमाणु हथियारों को भी संचालित करने की क्षमता है। इससे भारतीय नेवी चीन को टक्कर देने लायक हो गई। भारत ने इन खतरनाक युद्धपोतों के दम पर अपनी समुद्री सीमा को काफी हद तक सुरक्षित कर लिया है। इसी तरह थल सेना को भी कई नए लड़ाकू वाहन मिले हैं। इसमें हाल ही में लद्दाख में तैनात किया गया। इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल का नाम प्रमुख है। इसके अलावा सीमा पर निगरानी और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस आधारित स्वार्म ड्रोन प्रमुख हैं। सेना के लिए हल्के जोरावर टैंक की सौगात भी मिली है, जो बीहड़ और पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से ले जाए जा सकते हैं। इसके अलावा कई मिसाइलें, लेजर गाइडेड रॉकेट, 65 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट का ऑर्डर और 4.2 लाख कार्बाइन का ऑर्डर शामिल है।

आत्म निर्भरता की ओर बढ़े कदम

पीएम मोदी के मंत्र मेक इन इंडिया को साकार करते हुए देश ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब भारत न सिर्फ अपने लिए रक्षा के उपकरण और अत्याधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि दूसरे देशों को इसे निर्यात करने में भी सक्षम हो गया है। इससे देश को विदेशी मुद्रा की आय हो रही है। कुल रक्षा बजट का 60 फीसदी धन केवल मेक इन इंडिया के लिए ही रखा गया है। ताकि स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिल सके।

मिसाइलों, गाइडेड राकेट लांचर और आधुनिक पनडुब्बियों से लैस सेना
देश की सेना इस दौरान अत्याधुनिक व खतरनाक गाइडेड मिसाइलों, एंटी टैंक मिसाइलों, टैंकों, गाइडेड राकेट लांचर, हैंड ग्रेनेड और आधुनिक पनडुब्बियों से लैस हो चुकी है। खास बात यह है कि इसे भारत ने स्वयं अपने लिया बनाया है। अब दूसरे देश भी इन हथियारों को भारत से खरीदने की इच्छा रख रहे हैं। इन रक्षा उपकरणों से सुसज्जित सेना अब किसी भी देश से मुकाबला करने का माद्दा रखती है।

सीमाओं पर पहुंच के लिए बनाया रास्ता
भारतीय सेना को दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए सड़कों, रेल यातायात और वायु सेवा पर भी फोकस किया गया है। मोदी सरकार ने 4000 हजार किलोमीटर तक चीन से लगी भारत की सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा दिया है। ताकि दुर्गम परिस्थितियों में सैनिक कहीं भी पहुंचकर दुश्मनों का खात्मा कर सकें। इसके मोदी सरकार में देश का रक्षा बजट वर्ष 2014 में 2.53 लाख करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 5.25 लाख करोड़ हो चुका है। भारत के रक्षा राज्यमंत्री के लोकसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में दिए गए संदर्भ के अनुसार भारत रक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इससे भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

चीन को तवांग में दिया मुंहतोड़ जवाब
भारतीय सेना ने 9 और 11 दिसंबर को तवांग में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सीमा में घुसने पर आमादा चीनी सैनिकों को भारत के जवानों ने डंडे मार-मार कर भगा दिया। इससे पहले जून 2020 में गलवान घाटी में भी चीन की सेना को जवानों ने घुसपैठ करने से रोक दिया था। हालांकि इस दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जबकि चीन के 40 से अधिक सैनिकों की मौत हुई थी। इसके अलावा इंडिया गेट पर बना नेशनल वॉर मेमोरियल शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। यह जवानों का हौसला भी बढ़ा रहा है। अब भारत में पीएम मोदी ने चीफ डिफेंस ऑफ आर्मी स्टाफ (सीडीएस) का पद बनाकर सेना की ताकत को और भी मजबूत कर दिया। सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रमुख होते हैं। यानि किसी दुश्मन देश की हरकतों का जवाब देने के लिए अब सेना स्वयं सक्षम हो गई है। इसके लिए उसे सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सीडीएस ही किसी भी देश पर जवाबी हमले का आदेश दे सकते हैं। इसके अलावा सेना में नारियों के लिए भी सरकार ने पूरी तरह से रास्ते खोल दिए हैं।

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