Friday, May 03, 2024
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लोजपा ने एनजीटी अध्यक्ष को हटाने का अल्टीमेटम दिया, कहा- 'बीजेपी को मुद्दों पर आधारित समर्थन'

रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ) ने आज कहा कि भाजपा को समर्थन मुद्दों पर आधारित है साथ ही नौ अगस्त तक राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष ए के गोयल को पद से हटाने की मांग की है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 27, 2018 18:28 IST
‘Support to BJP issue-based’: Ram Vilas Paswan’s LJP gives ultimatum for removal of NGT chief- India TV Hindi
Image Source : ANI ‘Support to BJP issue-based’: Ram Vilas Paswan’s LJP gives ultimatum for removal of NGT chief

नयी दिल्ली: रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने आज कहा कि भाजपा को समर्थन मुद्दों पर आधारित है साथ ही पार्टी ने दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ कानून में सख्त प्रावधान करने तथा नौ अगस्त तक राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष ए के गोयल को पद से हटाने की मांग की है। पार्टी सांसद और रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी के भीतर कई लोगों का संयम अब कमजोर हो रहा है क्योंकि दलितों एवं आदिवासियों को लेकर चिंताएं सामने आ रही हैं। 

पिछले चार महीने से मांगें नहीं मानी जा रही

उन्होंने कहा कि साल 2014 में भाजपा और लोजपा के बीच गठजोड़ के मूल में इन समुदायों के हितों की रक्षा करने का विषय था। चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिये अध्यादेश लाने की मांग पिछले चार महीने से कर रही है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। 

जब समय आयेगा तब हम कदम उठायेंगे
उन्होंने हालांकि भाजपा को सीधे कोई धमकी देने से बचते हुए कहा कि लोजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में पूरा विश्वास है क्योंकि उनकी सरकार ने दलितों के लिये काफी कुछ किया है। यह पूछे जाने पर कि अगर 9 अगस्त तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तब क्या उनकी पार्टी भाजपा नीत राजग से अलग होने पर विचार करेगी, लोजपा नेता ने कहा कि जब समय आयेगा तब हम कदम उठायेंगे। उल्लेखनीय है कि कानून को मूल स्वरूप में बहाल करने की मांग को लेकर कई दलित संगठनों एवं आदिवासी समूहों ने 10 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। 

आपको बता दें कि जस्टिस गोयल सुप्रीम कोर्ट के उन दो जजों में शामिल थे जिन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के संबंध में आदेश दिया था। सेवानिवृति के बाद गोयल को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। (भाषा)

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