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केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक: सुनीता, आतिशी या सौरभ, अब दिल्ली का अगला BOSS कौन?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इसे उनके पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में अब कौन होगा दिल्ली का अगला सीएम, जानें क्या है संभावनाएं?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Sep 15, 2024 05:51 pm IST, Updated : Sep 15, 2024 05:51 pm IST
cm kejriwal masterstroke- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक

दिल्ली आबकारी नीति में कथित तौर पर घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जेल से बाहर आते ही अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान कर दिया है जिससे सियासी भूचाल आ गया है। उन्होंने कहा है कि वो दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि उनके इस्तीफा देने के बाद मनीष सिसोदिया भी दिल्ली के सीएम नहीं बनेंगे। उनके इन बयानों को उनका सियासी मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है।

केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते वक्त ऐसी शर्तें लगाई हैं कि उनका सीएम के तौर पर काम करना मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल न तो सचिवालय जा पाएंगे और न ही बेहद जरूरी फैसलों को छोड़कर दूसरी फाइल साइन कर पाएंगे। यानि कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केजरीवाल के हाथ पांव बांध दिए हैं। ऐसे में केजरीवाल ने सीएम की कुर्सी पर चिपके रहने के बजाय इस्तीफा देना ही  बेहतर समझा है। अब वो जनता के बीच जाकर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेंगे।

दिल्ली शराब घोटाला मामले के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी  की छवि को काफी धक्का लगा है। पिछले 10 साल की सरकार का एंटी इनकम्बेंसी भी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि केजरीवाल के इस फैसले से उसके लिए चुनाव में जाना और बीजेपी का सामना करना ज्यादा आसान होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा।

दिल्ली का अगला बॉस कौन

सबसे पहले बात सुनीता केजरीवाल की तो केजरीवाल के जेल जाने से पहले सुनीता केजरीवाल राजनीति में बिल्कुल भी एक्टिव नहीं थीं। लेकिन केजरीवाल के जेल जाने के बाद मिसेज केजरीवाल ने पूरी तरह से फ्रंट फुट पर आकर सियासत की पारी खेलनी शुरू कर दी। लोकसभा चुनाव में आप उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। रैली और पार्टी मीटिंग में हिस्सा लेती रहीं। बीच बीच में वीडियो संदेश जारी करके केजरीवाल की बात लोगों तक पहुंचाती रहीं।

ऐसे में अगर सुनीता केजरीवाल सीएम बनती हैं तो सीएम हाउस भी खाली नहीं करना पड़ेगा। लेकिन उनके सीएम बनने का नुकसान ये है कि बीजेपी को अरविंद केजरीवाल पर हमला करने का मौका मिल जाएगा। बीजेपी ये कह सकती है कि जो काम लालू यादव ने जेल जाने से पहले राबड़ी देवी को सीएम बनाकर किया, आज वही काम केजरीवाल ने भी किया। ऐसे में दोनों में क्या फर्क है।

आम आदमी पार्टी के पास दूसरा ऑप्शन हैं आतिशी, जो इस वक़्त दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री हैं। दिल्ली सरकार में सारी बड़ी ज़िम्मेदारी इस वक़्त आतिशी के पास ही है। आतिशी को केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों का भरोसेमंद माना जाता है। अधिकारियों के साथ भी उनकी काफी अच्छी बॉन्डिंग है, ऐसे में अगर आतिशी दिल्ली की सीएम बनती हैं तो वो सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला सीएम होंगी। हालांकि उन्हें सीएम बनाए जाने पर पार्टी के अंदर बगावत भी हो सकती है। 

आम आदमी पार्टी के बाद तीसरा विकल्प हैं दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज..सौरभ भारद्वाज भले ही इस वक़्त दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। लेकिन उनकी क्षमता पर अभी पार्टी को पूरी तरह से विश्वास नहीं है। वहींअधिकारियों के साथ भी सौरभ भारद्वाज की कुछ खास नहीं बनती है। तो अगर इनको सीएम बनाया गया तो सरकार का कोई काम नहीं होगा। ऐसे में सौरभ भारद्वाज के सीएम बनने की संभावना थोड़ी कम है।

 

कैसा रहा है केजरीवाल का कार्यकाल

 

केजरीवाल पिछले लगभग 10 साल से दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, ये बतौर मुख्यमंत्री उनका तीसरा कार्यकाल है। लेकिन दूसरी बार समय से पहले इस्तीफा देना पड़ रहा है। केजरीवाल पहली बार 2013 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तब वो भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के चेहरा थे। 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को हराकर एक बड़े वर्ग के हीरो बन गए थे। आप को पहले ही चुनाव में दिल्ली की 70 में 28 सीटों पर जीत मिलीं। लेकिन कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन करने वाले केजरीवाल को कांग्रेस के समर्थन से ही सरकार बनानी पड़ी।

बतौर सीएम केजरीवाल की पहली पारी 49 दिन ही चल पाई। इसके बाद दिल्ली में जब दोबारा चुनाव हुए आप ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आप को दिल्ली की 70 में 67 सीटें जीती। बीजेपी 3 सीटों तक सिमट गई और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया। इस बार केजरीवाल ने पूरे 5 साल तक सरकार चलाया। 8 फरवरी 2020 को दिल्ली में फिर चुनाव हुए औऱ फिर से आप ने फिर बंपर जीत हासिल की और पार्टी को 62 में 60 सीटें मिली। केजरीवाल तीसरी बार सीएम बने। लेकिन शराब घोटाले में दिल्ली सरकार ऐसी फंसी कि अब बेल मिलने के बाद भी उन्हें इस्तीफे का ऐलान करना पड़ा है। 
 

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