
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में करीब दो महीने पहले हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, पर्यटन कारोबार अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। ईद की छुट्टियों के बाद स्थानीय पर्यटकों और पंजाब से कुछ आगंतुकों के "चरवाहों की घाटी" में आने से यहां पर्यटन से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है।
सेवाओं की बेहद कम कीमत
श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर ईद के तीसरे दिन कश्मीर के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। स्थानीय पर्यटन से जुड़े व्यापारियों का मानना है कि यह एक सकारात्मक संकेत है। श्रीनगर के एक युवा नबील भट ने बताया, "हम हर साल पहलगाम जाते रहे हैं, चाहे वहां पर्यटकों की भीड़ हो या नहीं। इस साल भी कुछ अलग नहीं था। हालांकि, इस बार हमारा ज्यादा सत्कार किया गया।" भट ने पहलगाम के स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों पर दिए जाने वाले विशेष ध्यान और अधिकांश सेवाओं की बेहद कम कीमतों का जिक्र किया।
बैसरन घाटी में हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम से छह किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय शख्स सहित 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में पर्यटन गतिविधियां थम गई थीं। श्रीनगर के सिविल लाइंस क्षेत्र की निवासी अलीना जान ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "इस बार सेवा प्रदाता स्थानीय लोगों के प्रति अधिक मित्रवत हैं। पिछले वर्षों में ऐसा नहीं था, जब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते थे।"
पहलगाम में पार्क खोलने का फैसला
अधिकांश स्थानीय पर्यटक इस बात से भी खुश हैं कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में पार्क खोलने का फैसला किया है। उनका मानना है कि इससे इस स्थान पर अधिक लोग आकर्षित होंगे। एक ‘टूरिस्ट हट’ के मालिक मोहम्मद इशाक ने कहा, "मौखिक प्रचार से बेहतर कोई विज्ञापन नहीं है। कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से लोग ईद के तुरंत बाद यहां आना शुरू हो गए थे, लेकिन संख्या में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई, क्योंकि सभी पार्क बंद होने के कारण उनके पास बैठने के लिए कोई जगह नहीं थी। हमें उम्मीद है कि अब इसमें बदलाव आएगा, क्योंकि उपराज्यपाल ने शनिवार को घोषणा की है कि पार्क फिर से खोले जाएंगे।"
अन्य राज्यों से पहुंच रहे पर्यटक
इशाक ने यह भी बताया कि पिछले 10 दिनों में अन्य राज्यों से भी कुछ पर्यटक पहलगाम पहुंचे हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाब से थे। हालांकि, वे इस बात से निराश थे कि वे पहलगाम की उस प्राकृतिक सुंदरता का पूरी तरह से आनंद नहीं ले पाए, जिसके लिए यह प्रसिद्ध है।
नुकसान की भरपाई
एक खच्चर वाले मोहम्मद रमजान ने आशा व्यक्त की कि पहलगाम में पर्यटकों की बढ़ती संख्या जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "हमारी कमाई का मुख्य वक्त बीत गया है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सर्दियों के शुरू होने से पहले अगले कुछ महीनों में अधिक स्थानीय लोग (कश्मीरी) हमारे पास आएंगे। इससे कुछ नुकसान की भरपाई हो सकती है।" (इनपुट- भाषा)
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