Saturday, April 27, 2024
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एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन हो सकता है जानलेवा: रिसर्च

जर्नल ऑफ क्रिटिकल केयर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रयोग की वजह से मृत्यु दर बढ़ी है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: November 20, 2017 12:08 IST
एंटीबायोटिक- India TV Hindi
एंटीबायोटिक

हेल्थ डेस्क: जर्नल ऑफ क्रिटिकल केयर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रयोग की वजह से मृत्यु दर बढ़ी है। यह ऐसे लोग हैं जो कभी भी 3 महीने पर हॉस्पिटल नहीं गए साथ ही इसमें वैसे लोग भी है जिनके घर के आसपास कोई हॉस्पिटल नहीं है।  सर गंगा राम अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग के शोधकर्ताओं ने एक आयोजन के दौरान इस बात का खुलासा किया है कि एंटीबायोटकि दवाओं की वजह से शरीर पर काफी नुकसान होता है। बता दें कि ये रिसर्च कम्युनिटी एक्वायर्ड इंफेक्शन के 201 मरीजों पर किया गया था।

वाइस चेयरमैन ऑफ क्रिटिकल केयर के डॉक्टर सुमित रे के मुताबिक कई बार यह होता है कि जो भी ऐसी कॉमुनिटी या हेल्थ सेंटर है वह अपने मरीजों को आराम से एंटीबोयटीक देती है। जिसकी वजह से मरीजों को इसकी लेने की आदत हो जाती है। उन्होंने कहा कि कॉमुनिटी के डाक्टरों के द्वारा ज्यादा से ज्यादा मरीजों को एंटीबायोटिक दवाओं का देना काफी खतरनाक हो सकता है और इसके लिए हमें कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।आगे रे कहते हैं कि एंटीबायोटिक एक ऐसी दवा होती है जो कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिया जाता है। लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल कई बीमारियो की जड़ भी होती है।

आजकल किसी को कोई भी बीमारी है सबसे पहले एंटीबायोटिक्स को प्रिस्क्राइब किया जाता है। कोई हेल्थ सेंटर हो या कॉमिनीटी सेंटर हर जगह एंटीबायोटिक्स देते ही है। क्योंकि इससे तुंरत आराम मिलता है इसलिए हम खुद चाहते हैं कि डॉक्टर एंटीबायोटिक जरूर दें। कई डॉक्टर जरूरी नहीं होने पर भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो दुनियाभर में एंटीबायोटिक्स के उपयोग के बजाय दुरूपयोग ही हो रहा है। सबसे पहले तो ये जान लें कि एंटीबायोटिक्स बेहद इफेक्टिव दवा ज़रूर है, लेकिन ये हर बीमारी का इलाज नहीं है. 

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