Friday, May 03, 2024
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आखिर क्यों राम जन्म भूमि में पीएम मोदी लगा रहे पारिजात पेड़, जानें इसकी खासियत और समुद्र मंथन से जुड़ा कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के साथ ही वहां एक पारिजात का पौधा भी लगाएंगे। जानें क्या है इस पौधे की खासियत जिसकी वजह से इसे भूमि पूजन समारोह का हिस्सा बनाया जा रहा है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 05, 2020 11:55 IST
Parijat Flower- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/PANKAJRSORATHIA Parijat Flower

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के साथ ही वहां एक पारिजात का पौधा भी लगाएंगे। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि पारिजात का पौधा ही क्यों? आखिर क्या है इस पौधे की खासियत जिसकी वजह से इसे भूमि पूजन समारोह का हिस्सा बनाया जा रहा है। जानिए इस दिव्य पारिजात पौधे की खासियत और समुद्र मंथन से क्या है इसका कनेक्शन।

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भगवान हरि के पूजन में होता है इस्तेमाल, छूने मात्र से दूर हो जाती है थकान

  • पारिजात को हरसिंगार नाम से भी जानते हैं। 
  • इस पौधे के फूल रात में ही खिलते हैं और सुबह होते ही सारे फूल झड़ जाते हैं
  • इसे कुछ लोग रातरानी भी कहते हैं
  • पारिजात का फूल सफेद और नारंगी रंग का होता है
  • इसके फूल भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में इस्तेमाल किया जाता है
  • मान्यता तो ये भी है इसे छूने मात्र से थकान दूर हो जाती है

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देवी लक्ष्मी को प्रिय है ये फूल

पारिजात का फूल देवी लक्ष्मी को बहुत पसंद है। पूजा पाठ के दौरान इस फूल को देवी लक्ष्मी पर चढ़ाने से वो अत्यंत प्रसन्न हो जाती हैं। वैसे तो पेड़ से नीचे गिरे फूल को किसी भी पूजा पाठ में इस्तेमाल नहीं किया जाता है लेकिन इस पारिजात के फूल को पेड़ से तोड़ना निषिद्ध है। इस वजह से पेड़ से गिरे फूल को पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। इस पारिजात के फूल को लेकर कई मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार 14 साल के वनवास के दौरान सीता माता इस फूल से ही अपना श्रृंगार किया करती थीं।

महाभारत कालीन माना है पारिजात का पेड़
बाराबंकी जिले में एक पारिजात का विशाल पेड़ है। बाराबंकी में स्थित इस पारिजात के पेड़ को महाभारत कालीन माना जाता है। इस पेड़ की ऊंचाई 45 फीट है। मान्यता है कि इस पेड़ की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। जिसे इंद्र देवता ने अपनी वाटिका में लगाया था। मान्यता तो ये भी है कि अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने पारिजात के फूल से भगवान शिव की पूजा करने की इच्छा जाहिर की थी। मां की इच्छा पूरा करने के लिए अर्जुन ने स्वर्ग से इस पेड़ को लाकर यहां पर स्थापित कर कर दिया था। तभी से इस पारिजात के पेड़ की पूजा भी की जाती है। 

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औषधीय गुणों से युक्त है पारिजात 

पारिजात का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है। जानिए क्या है ये गुण..

  • इसके एक बीज का रोजाना सेवन करने से बवासीर का रोग एकदम ठीक हो जाता है
  • दिल के लिए भी ये बीज अच्छा माना जाता है
  • पारिजात के फूलों के रस के सेवन से दिल के रोगों से बचा जा सकता है
  • पारिजात के पेड़ की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है
  • पारिजात की पत्तियां त्वचा रोग में भी कारगर

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