Thursday, May 02, 2024
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वरुथिनी एकादशी: बना रहा है महापुण्य कमाने वाला शुभ संयोग, ऐसे करें पूजा

राण के अनुसार इस एकादशी के बारें में श्री कृष्ण ने कहा है कि इस व्रत को करने से लोक और परलोक में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। जानिए पूजा-विधि और कथा के बारें में...

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 21, 2017 13:48 IST
pooja
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वरुथिनी एकादशी व्रत कथा
वरुथिनी एकादशी के संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक लोकप्रिय कथा राजा मांधाता की है। प्राचीन काल में नर्मदा नदी के किनारे बसे राज्य में मांधाता राज करते थे। वे जंगल में तपस्या कर रहे थे, उसी समय एक भालू आया और उनके पैर खाने लगा। मांधाता तपस्या करते रहे। उन्होंने भालू पर न तो क्रोध किया और न ही हिंसा का सहारा लिया।

पीड़ा असहनीय होने पर उन्होंने भगवान विष्णु से गुहार लगाई। भगवान विष्णु  ने वहां उपस्थित हो उनकी रक्षा की पर भालू द्वारा अपने पैर खा लिए जाने से राजा को बहुत दुख हुआ। भगवान ने उससे कहा- हे वत्स! दुखी मत हो। भालू ने जो तुम्हें काटा था, वह तुम्हारे पूर्व जन्म के बुरे कर्मो का फल था। तुम मथुरा जाओ और वहां जाकर वरुथिनी एकादशी का व्रत रखो। तुम्हारे अंग फिर से वैसे ही हो जाएंगे। राजा ने आज्ञा का पालन किया और फिर से सुंदर अंगों वाला हो गया।

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