Friday, April 26, 2024
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वास्तु टिप्स: पश्चिम दिशा में बना शौचालय परिवार के सदस्यों को कर सकता है बीमार, दुष्प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय

शौचालय के लिए पश्चिम दिशा को द्वितीय दिशा के रूप में स्वीकार किया गया है। लेकिन ठीक पश्चिम दिशा में शौचालय बनाने से घर के हर्ष तत्व में कमी आती है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 07, 2020 10:08 IST

वास्तु शास्त्र में आज  आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पश्चिम दिशा में शौचालय के बारे में। शौचालय के लिए पश्चिम दिशा को द्वितीय दिशा के रूप में स्वीकार किया गया है। लेकिन ठीक पश्चिम दिशा में शौचालय बनाने से घर के हर्ष तत्व में कमी आती है। 

घर के निवासियों के चेहरे मलिन और उदास रहते हैं। घर की छोटी बेटी उदास और इंट्रोवर्ट हो जाती है। वो अपनी बातें किसी से शेयर नहीं करती | जब ज्यादा ठंड पड़ती है तो उस घर में डिप्रेशन का वास हो जाता है। घर के निवासियों के स्वास्थ्य में लोहा, जिंक, मैग्नीशियम और अन्य खनिज की कमी से दिक्कतें होती हैं। घर के सदस्यों का, विशेषकर महिलाओं का हिमोग्लोबिन कम हो जाता है। 

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अगर किसी वजह से आपके घर के ठीक पश्चिम दिशा में शौचालय है तो आपको उसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए उस दिशा में सफेद रंग करवाना चाहिए। उस दिशा में मैटल से बनी कोई चीज़ लगवानी चाहिए या टॉयलेट का दरवाजा मैटल का होना चाहिए। 

कांच के कटोरे में समुद्री नमक भरकर उस क्षेत्र में रखना चाहिए और कुछ-कुछ दिन बाद बदल देना चाहिए। साथ ही कुछ-कुछ दिन के अंतर से दोपहर बाद 3 से 5 बजे के बीच छोटी कन्याओं को गुड़ खिलाना चाहिए। ये उपाय करने से पश्चिम दिशा में शौचालय होने के बावजूद आपके घर की खुशियां बरकरार रहेंगी।

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