मुंबई: पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कई प्रमुख राजमार्गों को टोल फ्री कर दिया है। जिन राजमार्गों को टोल फ्री किया गया है उनमे अटल सेतु, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और समृद्धि महामार्ग भी शामिल है। इलेक्ट्रिक वाहनों को इन राजमार्गों से गुजरने पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के मार्गदर्शन में लिया गया यह निर्णय लागू कर दिया गया है। इसकी पुष्टि परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने की है।
छूट का उद्देश्य क्या है?
मोटर वाहन टेक्सेशन एक्स 1958 के तहत लागू की गई इस नीति के तहत कई राजमार्गों पर चार पहिया वाहनों और बसों सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल से छूट प्रदान किया गया है। इसमें M2, M3 और M6 श्रेणियों के इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन, साथ ही राज्य परिवहन उपक्रम (STU) और M3 तथा M6 श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। इस छूट का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों की परिचालन लागत कम करना और टिकाऊ परिवहन साधनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यात्रियों और चालक के लिए आकर्षक विक्लप
परिवहन मंत्री सरनाइक ने ज़ोर देकर कहा कि यह पहल हरित गतिशीलता और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की महाराष्ट्र सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टोल माफ करके, हम न केवल इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठा रहे हैं।" इस कदम से व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह के इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल करनेवालों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन यात्रियों और वाहन चालकों, दोनों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनेंगे।
क्रांतिकारी बदलाव- विशेषज्ञ
यह टोल छूट मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग, अटल सेतु जैसी प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के साथ-साथ मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई को नागपुर से जोड़ने वाले समृद्धि महामार्ग जैसे अन्य हाई ट्रैफिक कॉरिडोर पर भी लागू होती है। उद्योग विशेषज्ञों ने इस फैसले को महाराष्ट्र के इलेक्ट्रिक वाहन इकोलॉजी सिस्टम के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव बताया है और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेज़ी आने की भविष्यवाणी की है। इस नीति को राज्य के दीर्घकालिक पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है, जो सतत विकास में महाराष्ट्र के नेतृत्व को सुदृढ़ करेगा। इस पहल से एक हरित, अधिक टिकाऊ परिवहन नेटवर्क का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे अन्य राज्य भी इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।