Friday, April 26, 2024
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मिजोरम में ZPM की जीत ने दिखाई नॉर्थ-ईस्ट में क्षेत्रीय दलों की महत्ता, कहां टिकती हैं राष्ट्रीय पार्टियां

मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव में जेडपीएम ने बहुमत के साथ जीत दर्ज की। वहीं दो राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं, वो मिजोरम में खस्ता हालत में दिखे। वहीं मिजोरम में चार साल पहले बनी इस पार्टी की बढ़त ने यह दिखा दिया है कि स्थानीय लोगों के मुद्दों के साथ जुड़ा होना कितना ज्यादा जरूरी होता है।

Amar Deep Edited By: Amar Deep
Published on: December 24, 2023 21:38 IST
मिजोरम में ZPM की जीत ने दिखाई क्षेत्रीय दलों की ताकत।- India TV Hindi
Image Source : IANS मिजोरम में ZPM की जीत ने दिखाई क्षेत्रीय दलों की ताकत।

आइजोल: हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम अब सभी के सामने आ चुके हैं। इनमें से मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम पूरी तरह से चौकाने वाले रहे हैं। मिजोरम में जिस तरह से एक क्षेत्रीय पार्टी ने जीत दर्ज की इससे यह स्पष्ट हो गया है कि नॉर्थ-इस्ट के राज्यों में क्षेत्रीय दलों का पूरी तरह से वर्चस्व कायम है। यहां बता दें कि आठ राज्यों में से चार राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां ही सरकार में हैं। इनमें मेघालय, नागालैड और सिक्किम पहले से शामिल थीं। वहीं अब मेघालय का नाम भी क्षेत्रीय दलों की सरकार बनाने वाले राज्यों की लिस्ट में शामिल हो गया है। 

सीएम लालदुहोमा ने अपनाया गुट निरपेक्ष होने का रास्ता

वहीं मिजोरम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ना तो एनडीए की तरफ जा रहे हैं और ना ही वह इंडिया गठबंधन का साथ देंगे। यह ऐलान करेन के साथ ही सीएम लालदुहोमा ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि मिजोरम जैसे राज्य में क्षेत्रीय पार्टी की सरकार बनना भी अपने आप में स्वतंत्र होना है और वह किसी के भी दबाव में ना आकर अपना काम खुद करेंगे। लालदुहोमा की पार्टी जेडपीएम का साल 2019 में एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीयन किया गया था। इसके बावजूद मात्र साल सालों में ही पार्टी ने राज्य में अपनी सरकार बना ली है।

27 सीटों पर जीती ZPM 

जेडपीएम के ज्यादातर उम्मीदवारों ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें से उन्हें 8 सीटों पर जीत भी मिली थी। वहीं अब पार्टी का राजनीतिक दल के रूप में पंजीयन होने के बाद 2023 के चुनाव में जेडपीएम ने सभी को चौंकाते हुए 27 सीटों पर जीत दर्ज की और राज्य में अपनी सरकार भी बनाई। इसके बावजूद अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा को 2018 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस पार्टी को इस बार सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली है। इस सीट पर भी जीत का अंतर सिर्फ 432 वोटों का ही रहा है।

नॉर्थ-ईस्ट में पीछे हैं राष्ट्रीय दल

साल 2018 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एमएनएफ ने 26 सीटें मिली थीं, इस बार एमएनएफ को मात्र 10 सीटों पर ही जीत मिली है। वहीं कुल मिलाकर यह भी कहा जा सकता है कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में अभी भी राष्ट्रीय दल बहुत ही ज्यादा पीछे हैं, जबकि अगर क्षेत्रीय दलों की बात करें तो यहां के अधिकतर राज्यों में क्षेत्रिय दल अपनी बढ़त बनाए हुए हैं और स्वतंत्र रूप से अपने-अपने राज्य के विकास के लिए काम भी कर रहे हैं। 

(इनपुट: आईएएनएस)

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