Monday, April 29, 2024
Advertisement

राजस्थान में स्टांप पेपर पर लिखवा कर लड़कियों की नीलामी, NHRC का गहलोत सरकार को नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राजस्थान के कुछ जिलों में स्टांप पेपर पर लड़कियों को बेचे जाने के बारे में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने मीडिया में आई खबर पर राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: October 27, 2022 23:48 IST
लड़कियों को पैसे की...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE लड़कियों को पैसे की वसूली के लिए नीलाम किया जा रहा है

जयपुर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राजस्थान के कुछ जिलों में स्टांप पेपर पर लड़कियों को बेचे जाने के बारे में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने मीडिया में आई खबर पर राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही पूछा है कि अगर ऐसा है तो उसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि रिपोर्ट में यह भी शामिल होना चाहिए कि राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों या पंचायती राज कानूनों के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्यों को कैसे सुनिश्चित कर रही है, राज्य में लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों और गरिमा के अधिकार को प्रभावित करने वाली जाति-आधारित व्यवस्था को खत्म करने के लिए।

साथ ही आयोग ने राजस्थान के DGP को भी नोटिस जारी किया है। डीजीपी से भी आयोग ने विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है जिसमें यह बताना होगा कि इसमें संलिप्त अपराधियों के खिलाफ क्या क्रिमिनल कार्रवाई की गई है। एफआइआर दर्ज होने और आरोपपत्र दाखिल होने आदि की स्थिति भी बताने को कहा है। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

एनएचआरसी ने कहा कि जब भी दो पक्षों के बीच विवाद होता है, विशेष रूप से वित्तीय लेनदेन और ऋण आदि को लेकर, 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों को पैसे की वसूली के लिए नीलाम किया जाता है। इन लड़कियों को यूपी, एमपी, मुंबई, दिल्ली और यहां तक कि विदेशों में भेजा जा रहा है और गुलामी में शारीरिक शोषण, प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों ने इस तरह के जघन्य अपराधों के शिकार कई लोगों की पीड़ा का दस्तावेजीकरण किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा में जब भी दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद होता है तो वह पुलिस के पास जाने की बजाय इसके समाधान के लिए जाति पंचायतों में जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 15 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एक जाति पंचायत ने एक आदमी को पहले अपनी बहन को बेचने के लिए मजबूर किया और इसके बाद भी जब कर्ज नहीं चुकाया तो उसे अपनी 12 साल की बेटी को बेचने के लिए मजबूर किया गया। खरीदार ने लड़की को 8 लाख रुपये में खरीदा। इसके बाद, सभी गुलाम बन गईं लेकिन फिर भी उनके पिता उसका कर्ज नहीं चुका सके।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो इस तरह की घिनौनी प्रथा के पीड़ितों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके अलावा आयोग ने अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को राजस्थान के भीलवाड़ा समेत संबंधित जिलों और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके व्यापक रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने शर्मा को तीन महीने में दौरा करके ऐसी घटनाओं के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें राजस्थान सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement