भगवान विष्णु को कई नामों से जाना जाता है, उनका एक नाम दामोदर भी है। इसी नाम पर भगवान विष्णु के लिए द्वादशी व्रत किया जाता है, जिसे दामोदर द्वादशी कहा जाता है। दामोदर द्वादशी को व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस दिन सभी भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धापूर्वक व्रत और पूजा करते हैं।
कब है दामोदर द्वादशी?
हिंदू पंचांग की मानें तो 5 अगस्त दिन मंगलवार को सावन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मनाया जाएगा। द्वादशी तिथि 5 अगस्त की दोपहर 01.12 बजे से आरंभ होगी, जो 6 अगस्त की दोपहर 02.08 बजे तक रहेगी।
दामोदर द्वादशी का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.20 बजे से 05.02 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से 12:54 बजे तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02:41 बजे से 03:35 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:09 बजे से शाम 07:30 बजे तक
विशेष योग
- रवि योग- सुबह 05.45 बजे से 11.23 बजे तक
दामोदर द्वादशी पूजा विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें, फिर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और साफ कपड़े पहनें।
- इसके बाद मंदिर साफ करें और वहां एक दीप जला दें।
- फिर चौकी सजा कर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें।
- इसके बाद उन्हें धूप, अक्षत, अष्टगंध, फूल, फल, मिठाई, पंचामृत, तुलसीदल आदि चढ़ाएं।
- फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और भगवान जी की आरती उतारें। साथ ही भगवान से पूजा में हुई किसी प्रकार की भूल के लिए भगवान से क्षमा मांगें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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