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Navratri 2025: इस साल कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि? यहां जानिए सही डेट और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूरे नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। तो जानिए चैत्र नवरात्रि की तिथि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Feb 10, 2025 16:26 IST, Updated : Feb 10, 2025 16:26 IST
चैत्र नवरात्रि 2025
Image Source : INDIA TV चैत्र नवरात्रि 2025

Chaitra Navratri 2025 Date: पूरे वर्ष में चार बार नवरात्रि का त्यौहार आता है। इसमें दो गुप्त नवरात्रि है, जो माघ और आषाढ़ माह में आती है। लेकिन चारों नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि अश्विन माह में आती है, जबकि चैत्र नवरात्रि चैत्र महीने में मनाई जाती है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है। बता दें कि हिंदू पंचांग में चैत्र पहला माह होता है। तो आइए जानते हैं कि साल 2025 में चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है और कलश या घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। 

चैत्र नवरात्रि 2025 कब है?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 29 मार्च 2025 को सुबह 6 बजकर 34 मिनट पर होगा। प्रतिपदा तिथि समाप्त 30 मार्च को सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होगी और इसका समापन 7 अप्रैल 2025 को होगा। 

चैत्र नवरात्रि 2025 घटस्थापना या कलश स्थापना मुहूर्त 

चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 30 जनवरी को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से सुबह 7 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। वहीं घटस्थापना अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगा और समाप्त दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर होगा। प्रतिपदा तिथि के दिन का पहला एक तिहाई भाग घटस्थापना के लिए सर्वाधिक शुभ समय माना जाता है। यदि किसी कारणवश यह समय उपलब्ध न हो तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना की जा सकती है।  चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में घटस्थापना नहीं करना चाहिए। 

नवरात्रि 2025

नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है। मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के नाम है- पहला- शैलपुत्री, दूसरा- ब्रह्मचारिणी, तीसरा-चंद्रघंटा, चौथा- कूष्मांडा, पांचवा- स्कंदमाता, छठा- कात्यायनी, सांतवा- कालरात्रि, आठवां-महागौरी और नौवां- सिद्धिदात्री देवी। नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बड़ा ही फलदायी बताया गया है। जो व्यक्ति दुर्गासप्तशती का पाठ करता है, वह हर प्रकार के भय, बाधा, चिंता और शत्रु आदि से छुटकारा पाता है। साथ ही उसे हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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