Saturday, April 27, 2024
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इस समय बजाएंगे शंख तो रूठेंगे देवता, शंख बजाने से पहले जान लें ये जरूरी नियम

Rules of blowing conch: शंख को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। धार्मिक कार्यों में शंखनाद करना शुभ माना गया है, लेकिन इसे बजाने के नियम क्या हैं इसके बारे में आज हम आपको अपने लेख में जानकारी देंगे।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Updated on: March 29, 2024 18:54 IST
Shankh- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shankh

शंख हिंदू धर्म के पवित्र वाद्ययंत्रों में से एक है। धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत शंखनाद से ही की जाती है। जिस तरह भगवान कृष्ण को बांसुरी अतिप्रिय है वैसे ही भगवान विष्णु को शंख अतिप्रिय है। शंख बजाने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन, शंख बजाने के कुछ नियम हैं जिनका ख्याल हमें रखना चाहिए। इन नियमों का पालन करके ही हम शंख की ध्वनि का लाभ ले सकते हैं। ये नियम क्या हैं आइए विस्तार से जानते हैं। 

शंख से जुड़े इन नियमों का करें पालन

  1. शंख को बजाने से पूर्व उसे गंगाजल से शुद्ध अवश्य करें। 
  2. आप घर के पूजा स्थल पर अगर शंख रखना चाहते हैं तो उसे हमेशा पूजा के लिए ही इस्तेमाल करें। यानि इस शंख से आप भगवान का अभिषेक करें। बजाने के लिए आप घर में एक अन्य शंख रख सकते हैं। लेकिन इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि पूजा घर में एक ही शंख हो। बजाने वाले शंख को किसी अन्य शुद्ध स्थान में रखें। 
  3. शंख के जरिये भगवान शिव पर और सूर्य देव पर जल अर्पित न करें। 
  4. विष्णु भगवान का जलाभिषेक आप शंख से कर सकते हैं।
  5. अगर आप शंख बजाते हैं तो उसे किसी दूसरे के पास कभी न दें। 
  6. शंख बजाने के लिए सबसे शुभ समय, प्रात:काल और सूर्य ढलने से पहले का होता है।
  7. पूजा वाले शंख में हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए। 

इस समय शंख बजाने से रूठते हैं देवता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रात्रि के समय शंख बजाने से मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इससे मन अस्थिर होता है अनजाने भय व्यक्ति के मन में घर कर जाता है। बजाने वाले पर भले ही इसका ज्यादा फर्क न पड़े लेकिन अचानक से शंख की ध्वनि सुनकर अन्य लोग घबरा सकते हैं। साथ ही रात्रि में शंख बजाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता। इसके साथ ही मान्यताएं ये भी कहती हैं कि, रात्रि के समय शंख बजाने से देवताओं की नींद में खलल पड़ता है और देवी-देवता हम से रूठ जाते हैं। शंख में कुछ ऐसी ध्वनि तरंगें होती हैं जो ईश्वर तक पहुंचती हैं, यानि ईश्वर से हमें जोड़ती हैं लेकिन रात्रि के समय देवताओं का शयन काल होता है, इसलिए रात्रि में शंख नहीं बजाना चाहिए। देवी-देवता दिन के समय जागृत अवस्था में होते हैं इसलिए, दिन के समय शंखनाद से हम परम तत्व से जुड़ते हैं। अत: हमें दिन के वक्त ही शंखनाद करना चाहिए। 

अगर आप शंख से जुड़े नियमों का पालन करते हैं तो आपके जीवन के कई कष्टों को शंख की पवित्र ध्वनि दूर कर सकती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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