संयुक्त राष्ट्र की बैठक में फ्रांस ने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे दी है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इसका मकसद मध्य पूर्व में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति स्थापित करना बताया है।
यूरोपीय संघ की शेंगेन प्रणाली की तरह, GCC भी आंतरिक पर्यटन, व्यापार यात्रा और कूटनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। उम्मीद है कि यह नई प्रणाली खाड़ी देशों को एक साझा पर्यटन हब के रूप में स्थापित करेगी।
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और एयर स्पेस में ज्यादा भीड़भाड़ के कारण फ्लाइट्स कैंसिल की जा रही हैं। उसने बताया कि यात्रियों को कैंसिलेशन के बारे में पहले से जानकारी दी जा रही है।
मिडिल ईस्ट का हवाई क्षेत्र बंद होने से एयरालाइंस कंपनियों को अपनी उड़ाने रद्द करनी पड़ी हैं। ऐसे में कई फ्लाइट को वापस बुला लिया गया है या उनका रूट डायवर्ट कर दिया गया है।
ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज कर दिया है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने धमकी भरे अंदाज में कहा है कि बमबारी होगी।
दोनों देशों के बीच काउंसिल का गठन किया गया है जो नियमित रूप से मीटिंग रहे हैं और हर क्षेत्र की प्रगति पर नजर रखते हैं। क्या कदम उठाए गए हैं और और क्या कदम उठाए जाने की आवश्यकता है
ईरान और इजरायल के बीच 30 साल तक मजबूत रिश्ते रहे। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल को मान्यता देने वाला ईरान दूसरा मुस्लिम देश था। 80 के दशक तक इजरायल ईरान को हथियार देता था। जानिए फिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ जंग में कूद गए?
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने शुक्रवार को पहली बार इजरायल पर ईरान के किए गए हमले के बारे में अपना बयान दिया। उन्होंने इजरायल को चेतावनी दी और कहा कि अब ना हम जल्दबाजी करेंगे, ना देर करेंगे।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध घातक होने के बाद अमेरिका ने मध्य-पूर्व में तनाव कम करने के लिए अतिरिक्त सेना भेजने का बड़ा ऐलान किया है। अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ही मध्य-पूर्व के देशों में भारी तनाव का दौर चल रहा है।
हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट के देशों में संघर्ष और भी ज्यादा बढ़ गया है। लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन ने इजरायल पर एक साथ 50 रॉकेट दाग दिए। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
मिडिल ईस्ट एक बार फिर एक बड़े जंग के मुहाने पर खड़ा है। हालात ऐसे हैं कि युद्ध कभी भी भड़क सकता है। हमास चीफ हानिया और हिजबुल्लाह कमांडर के मारे जाने के बाद हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या हो गई। हानिया को ही 7 अक्टूबर में इजरायल पर हुए भीषण हमले का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है।
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल और ईरान के बाद अब ईराक के मिलिट्री बेस पर जोरदार हमला किया गया है, शक की सूई इजरायल की तरफ घूमती दिख रही है। देखें हमले का वीडियो-
इजराइल पर ईरान की तरफ से किए गए हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है। फिलहाल पश्चिम एशिया में बने हालात पर अमेरिका की पैनी नजर है।
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका ने तीसरे विश्वयुद्ध समेत कई अन्य खतरों को भी बढ़ा दिया है। इससे दुनिया में खाद्य, ऊर्जा का भारी संकट पैदा हो सकता है। महंगाई, मंदी और भुखमरी से कई देशों के हालात बिगड़ सकते हैं। अर्थव्यवस्था डगमग हो सकती है। तेल की कीमतें बेकाबू हो सकती हैं।
इजरायल और ईरान के बीच लगातार बन रहे युद्ध के हालात के बीच अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सनसनीखेज दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार अगले 48 घंटे में ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है। ऐसा हुआ तो इससे पूरा मध्य-पूर्व अशांति के भयंकर गर्त में समा सकता है। इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका और बढ़ेगी।
भारत से पहले रूस और जर्मनी भी इस तरह की एडवाइजरी एक दिन पहले ही जारी कर चुके हैं। इजरायल और ईरान में युद्ध के बढ़ते खतरों के बीच रूस और जर्मनी ने 11 अप्रैल को ही मध्य पूर्व के देशों से संयम बरतने की अपील करने के साथ ही अपने नागरिकों को सचेत किया था।
गाजा युद्ध छिड़ने के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैल गया है। ईरान समर्थित समूहों ने लेबनान, यमन और इराक से हमले कर रहे फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन की घोषणा की है। तेहरान ने अपने सहयोगियों के लिए समर्थन की घोषणा करते हुए, इज़रायल या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सीधे टकराव से परहेज किया है।
अमेरिका के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रूस ने पहली बार खुलकर अमेरिका पर आरोप लगाया है। मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में अमेरिका की आक्रामक भूमिका पर जानिए रूस ने अमेरिका को किस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया है?
इजराइल हमास में जंग के बीच ईरान और अमेरिका में भी तनातनी जारी है। अमेरिका की चेतावनी के बाद ईरान ने भी अमेरिका से दो टूक कह दिया है कि वे जंग से नहीं डरते। ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से डर है कि मिडिल ईस्ट में एक और बड़ी जंग न हो जाए।
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