Highlights
- ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को पहले टेस्ट मैच में दस विकेट से दी करारी शिकस्त
- ऑस्ट्रेलियाई टीम डब्ल्यूटीसी की अंक तालिका में अभी नंबर वन पर काबिज
- टीम इंडिया आज से इंग्लैंड के खिलाफ खेल रही है सीरीज का आखिरी मैच
ICC World Test Championship Points Table : आज से भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच शुरू हो गया है। वहीं दूसरी ओर आज ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच खेला गया मैच खत्म हो गया। ऑस्ट्रेलिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका को दस विकेट से करारी मात दी है। इसके साथ ही आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट्स टेबल में भी कुछ हेरफेर हो गया है। भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जा रहे मैच से प्वाइंट्स टेबल में काफी बदलाव देखने के लिए मिलेगा। इस बीच डब्यूटीसी की प्वाइंट्स टेबल में आस्ट्रेलिया अभी भी नंबर वन की कुर्सी पर काबिज है और फाइनल में जाने का सबसे बड़ा दावेदार भी है।
टीम इंडिया अभी भी नंबर तीन पर है
आईसीसी डब्ल्यूटीसी की प्वाइंट्स टेबल की बात करें 84 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया का जीत प्रतिशत भी 77.78 है, जो सबसे ज्यादा है। वहीं दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीकी टीम है, जिसके पास 60 अंक हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका के 71.43 प्रतिशत अंक हैं, इसलिए टीम दूसरे नंबर पर है। उधर टीम इंडिया की बात करें तो भारतीय टीम 77 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर है। भारतीय टीम का जीत प्रतिशत 58.33 है। दक्षिण अफ्रीका से ज्यादा अंक होने के बाद भी भारतीय टीम तीसरे नंबर पर है, क्योंकि प्वाइंट्स टेबल जीत प्रतिशत के आधार पर तय की जाती है। भारत के बाद चौथे नंबर पर पाकिस्तानी टीम है, जिसके पास इस वक्त 44 अंक हैं, वहीं पाकिस्तान का जीत प्रतिशत 52.38 है।
इंग्लैंड की टीम काफी नीचे की पायदान पर
जिस इंग्लैंड की टीम से भारतीय टीम का मुकाबला हो रहा है, उसकी बात करें तो इंग्लैंड की टीम इस वक्त 52 अंकों के साथ सातवें नंबर पर है। इंग्लैंड का जीत प्रतिशत 28.89 है। यानी टीम इंडिया अगर हार भी जाती है तो इंग्लैंड को बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा। लेकिन अगर टीम इंडिया जीत गई तो उसे अच्छा खास फायदा मिलेगा। जीत के बाद भी भारतीय टीम शायद दक्षिण अफ्रीका को पीछे तो न छोड़ पाए, लेकिन भारतीय टीम की फाइनल में जाने की संभावनाएं और भी बढ़ जाएगी। टीम इंडिया ने डब्ल्यूटीसी 2021 का फाइनल खेला था, लेकिन न्यूजीलैंड से उसे हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही भारतीय टीम की एक और आईसीसी की ट्रॉफी जीतने का सपना भी अधूरा रह गया था।