Thursday, May 09, 2024
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ब्लड कैंसर से जंग लड़ रहे पूर्व आई लीग विजेता सुरोजित बोस

33 साल के बोस फिलहाल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं, जहां उनका ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा है।

IANS Reported by: IANS
Published on: August 18, 2020 22:51 IST
Former I League winner Surojit Bose, who is fighting a battle with blood cancer- India TV Hindi
Image Source : @DELHI_MARINERS Former I League winner Surojit Bose, who is fighting a battle with blood cancer

कोलकाता। वर्ष 2005-06 में जोस रामिरेज बारेटो और यूसिफ याकूबु के साथ महिंद्रा युनाइटेड के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल लीग का खिताब जीतने वाले पूर्व भारतीय फॉरवर्ड सुरोजित बोस इस समय ब्लड कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।

ब्राजील के बारेटो और घाना के याकूबु ने आई लीग की शुरुआत से ठीक पहले महिंद्रा युनाइटेड की खिताबी जीत में अहम योगदान दिया था।

33 साल के बोस फिलहाल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं, जहां उनका ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा है। बोस कोलकाता में मोहन बागान और मोहम्मदन स्पोटिर्ंग क्लब के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने अपना पिछला मैच 2014 में आई लीग में भारत एफसी के लिए खेला था।

बोस ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, " मुझे पहले चरण में ब्लड कैंसर, एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) का पता चला है। मैं सात अगस्त को भर्ती हुआ था। मैं ठीक हो रहा हूं, लेकिन दिल्ली आने के बाद से मेरे लिए कुछ दिनों बहुत मुश्किल थे। मुझे अपने पूर्व साथियों और कुछ फुटबॉल जगत से मदद लेने का सौभाग्य मिला है।"

पश्चिम बंगाल के कल्याणी जिले के रहने वाले बोस पुणे में एक फुटबाल डेवलपमेंट सेंटर में कोच के रूप में काम कर रहे थे, जहां वह बीमार पड़ गए।

मोहन बागान क्लब के साथ फेडरेशन कप जीतने वाले बोस ने कहा, " मुझे तेज बुखार था और मैं ठीक से शौच नहीं कर सकता था। फिर भी मैं किसी काम से दिल्ली आया और छह अगस्त को मेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। मैं एक गेस्ट हाउस में अकेले ही था। मेरे कुछ छात्र थे, जिन्होंने मुझे अपने परिवार से संपर्क करने में मदद की और मुझे अस्पताल भी लाए।"

उन्होंने कहा, " फिर मेरा डॉक्टर अभिजीत कुमार से संपर्क हुआ और उन्होंने मुझे यहां अभिभावक की तरह देखभाल की। कहते हैं ना कि डॉक्टर भगवान के समान होता है और मेरे केस में यह सच है।"

उन्होंने कहा, " पुणे में मुझे तीन महीने से सैलरी भी नहीं मिली है। इस कोविड-19 महामारी ने स्थिति और बिगाड़ दी है। यह मेरे लिए एक वित्तीय संकट है जिसे मैं जानता हूं। वास्तव में आज मैं आपसे बात कर रहा हूं तो यह मेरे पूर्व खिलाड़ियों और दोस्तों की वजह से है जो चट्टान की तरह मेरे साथ रहे हैं, और फिर डॉक्टर अभिजीत कुमार भी हैं।"

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