
CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध सिम कार्ड बेचने वालों को हिरासत में ले लिया है। सीबीआई ने देश के 8 राज्यों के 42 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाते हुए 5 लोगों को अवैध सिम कार्ड बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट समेत कई तरह के फाइनेंशियल स्कैम के लिए किया जाता था।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम के लिए हुआ इस्तेमाल
सीबीआई ने असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तामिलनाडु राज्य के टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के सिम कार्ड बेचने वाले प्वाइंट-ऑफ-सेल (PoS) एजेंट्स के खिलाफ ऑपरेशन चक्र V चलाकर यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी इन एजेंट्स के जरिए सिम कार्ड जारी करवाते थे। उन सिम कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट स्कैम, फर्जी प्रचार, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड और UPI फ्रॉड के लिए किया जाता था।
सर्च ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, KYC डॉक्यूमेंट्स के कॉपी समेत कई सबूत इकट्ठा किए। एजेंसी के मुताबिक, इस कार्रवाई में चार राज्यों के 5 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
डिजिटल अरेस्ट के कई मामले आए सामने
पिछले कुछ महीनों में भारत में डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं, जिसकी वजह से दिल्ली से सटे नोएडा के रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 3.14 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया गया है। नोएडा पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने नोएडा के दंपत्ति को 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इसके अलावा एक और डिजिटल अरेस्ट की घटना काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें आगरा के स्कूल टीचर की सदमे से मौत हो गई थी।
बल्क सिम कार्ड के नए नियम
फर्जी सिम कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, बल्क में किसी भी प्राइवेट कंपनी को एक बार में केवल 100 सिम कार्ड ही जारी किया जाएगा। 100 से ज्यादा सिम कार्ड के लिए कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को लिखित में रिक्वेस्ट जारी करना पड़ेगा। साथ ही, हर सिम कार्ड के लिए ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है। यही नहीं, बल्क में सिम कार्ड बेचने वाले POS के लिए भी नियमों मे बदलाव करने के साथ-साथ भारी जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
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