दिल्ली में पहली बार प्रदूषण से बचाव के लिए कृत्रिम बारिश कराई जाएगी, इसे क्लाउड सीडिंग कहा जाता है। जानिए क्या है ये तकनीक और इस बारिश में घर से बाहर निकलना ठीक रहेगा या नहीं, जानें इससे जुड़ीं सभी बातें....
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश कराएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके लिए तारीख का भी ऐलान कर दिया है।
दिल्ली में प्रदूषण और स्मॉग से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का पहला ट्रायल दीवाली के बाद होने की संभावना है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मंजूरी का इंतजार है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कृत्रिम बारिश को बड़ा हथियार माना जा रहा है। IIT कानपुर की देख-रेख में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने जुलाई के पहले हफ्ते में कृत्रिम बारिश कराए जाने का ऐलान किया था। वहीं, अब दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराए जाने वाले प्रोजेक्ट को स्थगित कर दिया गया है। इसके पीछे की वजह भी बताई गई है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सोमवार से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक पर वायु प्रदूषण ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
पर्यावरण मंत्रालय एयर फोर्स की मदद ले रहा है, जो विमान मुफ्त देगा। उपकरण आइआइटी कानपुर देगा। पर्यावरण मंत्रालय को सिर्फ केमिकल उपलब्ध कराना होगा, जो बादलों के बीच रासायनिक क्रिया कर उन्हें बारिश के बूंदों में बदल देता है।
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